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Gomati Book Festival 2024: गोमती पुस्तक महोत्सव में बढ़ी पुस्तकों की ​बिक्री

Gomati Book Festival 2024: पुस्तक विक्रेताओं ने बताया कि इस वर्ष गोमती पुस्तक महोत्सव में पुस्तकों की बिक्री मिली है. पिछले वर्षों की तुलना में लगभग 30 प्रतिशत की बिक्री अधिक हुई. यहां आने वाले पाठकों की संख्या में भी इजाफा हुआ है. ऐसी उम्मीद की जा रही है, कि सप्ताहांत में पुस्तक महोत्सव में आने वाले पाठकों की संख्या में और अधिक वृद्धि होगी.

विद्यार्थी और शिक्षकों की अदला-बदली

बाल दिवस के मौके पर, शब्द संसार में विद्यार्थियों को अपना एक स्वप्न पूरा करने का अवसर मिला. असल में शिक्षक ही विद्यार्थियों से सवाल-जवाब करते हैं, लेकिन ‘अदला-बदली क्विज़: शिक्षकों से सवाल’ कार्यक्रम में हमें अलग ही नजारा देखने को मिला . इस सत्र में विवेक कुमार ने रोचक प्रयोग किया, जो काम शिक्षक करते थे, वह काम यहां विद्यार्थियों से करवाया. यहां विद्यार्थी शिक्षक की भूमिका में थे और शिक्षक विद्यार्थी की भूमिका में.

इस सत्र में सरस्वती विद्या मंदिर, अलीगंज के चार शिक्षक ‘प्रत्यंचा कुलश्रेष्ठ, वेदिका त्रिपाठी, प्रियंका द्विवेदी और सुशील कुमार त्रिपाठी बच्चों के प्रश्नों के उत्तर देने के लिए मौजूद रहे. इस रोमांचक सत्र में विद्यार्थियों ने उत्तर प्रदेश और प्रदेश के पर्यटन स्थलों से संबंधित प्रश्नों को शिक्षकों से पूछा, जिनका उत्तर शिक्षकों ने दिया. विद्यार्थियों द्वारा शिक्षकों के उत्तरों के आधार पर मूल्यांकन कर उन्हें अंक प्रदान किए गए. शिक्षक बने विद्यार्थियों को शिक्षकों से प्रश्न पूछने में काफी आनंद आया. बच्चों और शिक्षकों ने इस सत्र को खूब पसंद किया.

विद्यार्थी बने संपादक

विचारों से मुख्य समाचारों के विचार से प्रेरित युवा संपादक कार्यशाला में बच्चों ने समाचार पत्र ​लिखना सीखा. 17 नवंबर तक होने वाली इस कार्यशाला में आने बच्चों द्वारा समाचार और लेख लिखाए जाएंगे , जिनमें से चुनिंदा लेखों का प्रकाशन एनबीटी, इंडिया की पत्रिका और प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में किया जाएगा. चयनित लेखों के लिए विद्यार्थी को प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जाएगा. इस कार्यशाला में बच्चों ने समाचार लेखन और समाचार पत्र को लेकर उठने वाले प्रश्नों के उत्तर भी दिए जा रहे हैं. इस सत्र के माध्यम से बच्चों को समाचार पत्र और पुस्तकों के प्रति रुचि जाग्रत करने का प्रयास किया जा रहा है.

लेखक गंज के अंतिम सत्र में ‘पुस्तक संस्कृति में उन्नयन में राज्य और समाज’ विषय पर आयोजित सत्र में मुख्य वक्ता उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव तथा उत्तर प्रदेश पर्यटन के महानिदेशक मुकेश कुमार मेश्राम ने दर्शकों को पुस्तकालय और पुस्तकों का महत्व समझाते हुए कहा ‘पुस्तकालय का महत्व जब ही है जब समाज उन्हें अपनाता है.

उन्होंने इस सत्र में पूर्व कालीन समय की बात करते हुए कहा की पहले दादी, नानी कहानियां सुनाती थीं, लोग ट्रेन में भी किस्से कहते हुए यात्रा करते थे अब वो सब ख़त्म हो रहा है. साथ ही मुकेश जी ने कहा की ‘एक अनुसंधान के अनुसार ऐसा कहा गया है की अगर कोई व्यक्ति 60 के बाद भी किताबें पढ़ता है तो उसे भूलने की बीमारी का सामना नहीं करना पड़ेगा क्योंकि किताबें पढ़ने से मनुष्य का मन ज्यादा जीवंत रहता है.

विचार लेखक की छठी इंद्री

लेखक गंज के तीसरे सत्र में ‘कॉइन्स इन रिवर्स: इंग्लिश पोएट्री फॉर कंटेंपररी टाइम्स’ के विषय पर बात करते हुए लेखिका रोशॅल पोतकर ने श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा की जब आप रचयिताकार के तौर पर विभिन्न तरह के लेखन की विधाओं को अपनाते हैं तब जाकर आप एक अच्छे लेखक या कवि बन पाते हैं.

विचारों को छठी इंद्री बताते हुए उन्होंने कहा कि कई बार जब वह लिखती हैं, तो वह किसी से प्रभावित होकर नहीं लिखती हैं और हर बार कुछ नया लिखने का प्रयास करती हैं. नवांकुर लेखकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अगर आपको कुछ लिखना है, तो रचनात्मकता का सहारा लेना आवश्यक है, क्योंकि इससे एक अच्छा लेखक बना जा सकता है. साथ ही लेखक को हमेशा उत्साहित बने रहना चाहिए.

सांस्कृतिक संध्या में बाबू बनारसी दास विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा विभिन्न कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए. नाटक, गीत, नृत्य जैसे विभिन्न कार्यक्रमों से दर्शकों का समां बांध दिया.

कहानियों के लोक में

गोमती पुस्तक महोत्सव 2024 के बच्चों के लिए बनाए गए विशेष मंच ‘शब्द संसार’ के मंच पर दूसरा सत्र लेखिका गीता रामानुजन का रहा. सत्र का आरंभ उन्होंने बच्चों को अलग-अलग ध्वनियों में ‘मैं एक स्टोरीटेलर हूं’ सुनाकर बच्चों से भी उसी ध्वनि में कहलवाया. गीता जी ने बच्चों से कहानियों के बारे में भी बातचीत की और कहानियां भी सुनाई.

उन्होंने एक मक्खी की कहानी सुनाई जो अपना नाम भूल गयी थी. उन्होंने अपने जीवन के अनुभव भी साझा किए और ‘व्हेन यू हैप्पी एंड यू नो यूअर क्लैप योर हैंड’ गाकर बच्चों को आनंदित कर दिया. उन्होंने कई जानवरों की मिमिक्री भी की और बच्चों को बताया की सवाल पूछते रहिए और आप पाएंगे की कहानियों में आपको कई उत्तर मिलेंगे.

बच्चों ने लिया फिल्मी दुनिया का आनंद

14 नवंबर को गोमती पुस्तक महोत्सव में दिखाई गई बाल फिल्म महोत्सव में जर्मनी की ‘पॉलस डैड एंड द राइट बटन’, भारत की ‘सांवली’, ईरान की ‘परी एंड द विच’ और अमेरिका की ‘द डबल लाइफ ऑफ ह्यूग’ मुख्य थीं. इन बाल फिल्मों में बच्चों के विषयों को उठाया गया है. पॉलस डैड एंड द राइट बटन फिल्म पिता और पुत्री के भावात्मक संबंधों की कहानी है.

परी एंड द विच ईरान के सीमावर्ती जंगल की कहानी है. एक जोड़ा परी को अपने साथ ईरान की सीमा पार ले जाने की कोशिश करता है ताकि वह अपने पिता के पास पहुँच सके जो कुछ दिन पहले सीमा पार कर गया था. जंगल के सभी जीव चुड़ैल के चंगुल में फँस चुके हैं. परी अपने पिता को बचाने के लिए इस जंगल में प्रवेश करती है, जहां किसी भी जीव को बोलने का अधिकार नहीं है.

बाल फिल्म महोत्सव में आए सरस्वती विद्या मंदिर, अलीगंज के अध्यापक प्रेम सागर शुक्ला कहते हैं कि बच्चे जब ऐसे फिल्म महोत्सवों में भागीदारी करते हैं, तो उनके अंदर की प्रतिभाओं को पंख मिलते हैं और वह उभर कर सामने आते हैं.

कैप्टन मनोज कुमार पांडेय की कहानी परम मित्र की जुबानी

दूसरा सत्र पवन कुमार मिश्रा का रहा, जो कप्तान मनोज कुमार पांडेय के सहपाठी रहे चुके हैं, साथ ही उन्होंने मनोज कुमार पांडेय जी के जीवन पर किताब भी लिखी है, जिसका नाम ‘हीरो ऑफ बटालिक’ है. मनोज कुमार पांडेय जी के जीवन पर किताब लिखने के उनके अपने अनुभव को उन्होंने दर्शकों से साझा किया. इसके अलावा उन्होंने मनोज पांडेय जी के जीवन से जुड़े कुछ किस्से भी बताये, उन्होंने कहा की वो बहुत प्रतिभाशाली छात्र रहे हैं, वो स्कूल में हमेशा उत्तीर्ण आते थे, और 1899 में स्कूल के सबसे अच्छे बॉक्सर की उपाधि भी उन्हें मिली थी.

उन्होंने बताया की मनोज जी का लक्ष्य हमेशा से सुनिश्चित था, उन्होंने 1993 में एनडीए आल इंडिया रैंक 50 हासिल की थी और उन्होंने अपने इंटरव्यू में बोला था की ‘परमवीर चक्र पाना मेरे जीवन का लक्ष्य है’. इस अवसर पर अखिल भारतीय साहित्य परिषद् के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ सुशील चंद्र त्रिवेदी ‘मधुपेश’ भी उपस्थित है.


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गोमती पुस्तक महोत्सव में 15 नवंबर, 2024 के मुख्य आकर्षण

गोमती पुस्तक महोत्सव के शब्द संसार में बच्चों के लिए आयोजित होने वाले अनेक कार्यक्रमों में से एक रिया खन्ना द्वारा खेल-खेल में क्विलिंग आर्ट सिखाई जाएगी. 15 नवंबर को बाल फिल्म महोत्सव में मेरे पापा सुपरहीरो फिल्म दिखाई जाएगी. लेखकगंज में ‘उत्तर प्रदेश पुस्तकालय अधिनियम एवं पुस्तकें का उपयोग पर एक परिचर्चा का आयोजन होगा.’

राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद (एनसीपीयूएल) द्वारा ‘मेरी भाषा मेरा साहित्य’ विषय पर मोहसिन खान, सबीहा अनवर, सबेरा हबीब आदि अपने विचार प्रस्तुत करेंगे. सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत शाम को मुशायरे का आयोजन होगा जिसमें मुख्य अतिथि डॉ. अम्मार रिज़वी होंगे और शायरों में हसन काजमी, शाहिद कमाल, चरण सिंह बशर, मनीष शुक्ला, जुबैर अंसारी, पेप्लू, लखनऊ, अभिषेक शुक्ला, तारिक कमर उपस्थित होंगे.

-भारत एक्सप्रेस

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