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चांद पर अभी और सोएंगे विक्रम और प्रज्ञान, ISRO के वैज्ञानिक ने किया बड़ा खुलासा, जानें अब कब नींद से जगेंगे?

Chandrayaan-3 Update: चांद पर मिशन चंद्रयान 3 का लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान अभी गहरी नींद में सो रहे हैं. आज यानी की 22 सितंबर को जगाना जाना था, लेकिन अभी यह संभव नहीं हो पाया है. इसरो के एक वैज्ञानिक ने इसकी जानकारी दी है. विक्रम और प्रज्ञान को चांद पर सोते हुए 2 हफ्ते हो गए हैं. इसरो के वैज्ञानिकों द्वारा उन्हें आज जगाने का कार्यक्रम रखा गया था, लेकिन एक दिन के लिए इस कार्यक्रम को आगे टाल दिया गया है. इसका मतलब है कि अब रोवर और लैंडर को 23 सितंबर को जगाया जाएगा.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, इसरो के स्पेस अप्लीकेशन सेंटर के डायरेक्टर नीलेश देसाइ ने बताया है कि, “हमने पहले 22 सितंबर को प्रज्ञान और विक्रम को जगाने की कार्यक्रम रखा था, लेकिन अभी वह नहीं हो पा रहा है. उन्हें अब 23 सितंबर को जगाया जाएगा.”

चांद पर पड़ रही सूरज की रोशनी

बता दें कि मून मिशन के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर 23 अगस्त को चांद के उस स्थान पर उतरे थे, जिसे शिव शक्ति प्वाइंट से जाना जाता है. अब यह दोनों 23 सितंबर को जागने के लिए तैयार हैं क्योंकि नीलेश देसाइ ने बताया कि चांद पर सुबह हो चुकी है और उस पर सूरज की रोशनी भी पड़ रही है, लेकिन चंद्रयान 3 के विक्रम और प्रज्ञान के लिए इतनी ऊर्जा काफी नहीं हैं अभी उन्हें और ऊर्जा की जरुरत होगी. इसलिए उन्हें अब शनिवार को जगाने की कोशिश की जाएगी. उन्होंने बताया कि चंद्रयान 3 से कई इनपुट मिले हैं, जिसकी बारिकी से जांच की जा रही है. वैज्ञानिकों ने पिछले 10 दिनों के डेटा का भी एनालिसिस किया जा है. प्रज्ञान ने इस दौरान 105 मीटर की मूवमेंट की है.

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विक्रम लैंडर से मिल रहा कमजोर रेसपॉन्स

प्रज्ञान रोवर से अभी तक जो डेटा मिला है उसके हिसाब से चांद की जमीन का विश्लेषण किया जा रहा है.  उस समय चांद के दक्षिणी ध्रुवीय इलाके में तापमान माइनस 120 से माइनस 220 डिग्री सेल्सियस था. इतना ज्यादा तापमान से मशीनों का सर्किट बिगड़ता है. वहीं इसका असर प्रज्ञान रोवर और विक्रम लैंडर पर कितना पड़ा है, वो इनके जागने पर ही पता चलेगा. वहींं रिपोर्ट ने बताया है कि आज सुबह यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) के कोरोउ स्पेस स्टेशन से Chandrayaan-3 के लैंडर Vikram को लगातार संदेश भेजे थे, विक्रम लैंडर की तरफ ज्यादा अच्छा रेसपॉन्स नहीं मिला, मतलब के लैंडर के पास जितनी फ्रिक्वेंसी होनी चाहिए थी वो नहीं थी.

– भारत एक्सप्रेस

 

Rahul Singh

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