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ह्वाइट हाउस ने एक प्रेस बयान में कहा, जून 2023 में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘अंतरिक्ष सहयोग के सभी क्षेत्रों में नई सीमाओं तक पहुंचने’ के लिए एक साथ काम करने की प्रतिबद्धता जताई है.

ISRO ने बताया, प्रकिया में एक वेल डेक शिप अपने डेक में पानी भरता है, जिससे नावों, लैंडिंग क्राफ्ट और अंतरिक्ष यान की सुरक्षित डॉकिंग और रिकवरी संभव हो पाती है. गगनयान मिशन के लिए यह तकनीक अंतरिक्ष यात्रियों की उनके अंतरिक्ष मिशन के बाद तेज और आरामदायक रिकवरी सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण है.

एक कार्यक्रम के दौरान इसरो अध्यक्ष डॉ. एस. सोमनाथ ने कहा कि भारत अपनी स्पेस एक्टिविटी को बढ़ावा देकर वैश्विक बाजार में अधिक हिस्सेदारी हासिल करना चाहता है, जिसमें प्राइवेट सेक्टर और स्टार्टअप की अहम भूमिका है.

जीसैट 20, भारत के लिए एक बड़ा कदम साबित हो सकता है, क्योंकि यह न केवल उन्नत संचार तकनीक से लैस है, बल्कि यह दूर-दराज के इलाकों और विमानों में भी इंटरनेट की सुविधा मुहैया कराएगा.

केंद्र सरकार इसरो को चंद्रयान-4 मिशन के लिए फंड मुहैया करायेगी. इसे 2027 में लॉन्च किया जाएगा. उसके बाद भारत अंतरिक्ष में अपना यात्री भी भेजेगा. चंद्रयान-4 चंद्रमा के नमूने जुटाएगा, और सुरक्षित पृथ्वी पर वापसी करेगा.

आगामी चंद्रयान-4 मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की सतह से चट्टानों और मिट्टी को इकट्ठा करना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है.

केरल में जन्में राधाकृष्णन ने अपनी आत्मकथा में बताया कि कैसे मानसिक दबाव की स्थिति में उन्हें शास्त्रीय गायन ने सहारा दिया.

आज भारत अपना पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मना रहा है. 23 अगस्त 2023 को भारत चंद्रयान 3 मिशन के जरिए चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बना और चांद के दक्षिण ध्रुव तक पहुंचने वाला पहला.

इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) ने देश के सबसे छोटे रॉकेट SSLV-D3 से अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट-8 (EOS-08) को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया. एक साल का यह मिशन पर्यावरण और आपदा से जुड़े अलर्ट देगा.

SSLV-D3 Launch: इसरो आज सुबह 9 बजकर 19 मिनट पर श्री हरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से नया रॉकेट एसएसएसवी डी-3 ( SSLV-D3) को लॉन्च करने जा रहा है.