ताज या फिर कोई राज़ ?
ताजमहल के 22 कमरों का राज़ जानने के लिए एक याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में पिछले दिनों एक याचिका डाली थी. जिसे सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को खारिज कर दिया. जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस एमएम सुंदरेश दो जजों की पीठ ने याचिका को खारिज करते हुए इसे जनहित याचिका के बदले ’प्रचार हित याचिका’ करार दिया है.
रजनीश सिंह नाम के एक व्यक्ति ने पिछले महीने इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ऐतिहासित धरोहर ताजमहल के 22 कमरों को खुलवाकर इसकी जांच की मांग की थी. जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था जिसके बाद याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मांग को खारिज करते हुए कहा कि, इस याचिका को खारिज करने के मामले में हाईकोर्ट ने कोई गलती नहीं की क्योंकि यह प्रचार हित याचिका है इसलिए यह याचिका खारिज की जाती है.
ताजमहल के 22 कमरों को खुलवाकर इसके सर्वे कराने की मांग वाली याचिक के बाद काफी विवाद हो भी हुआ था जिसे रोकने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने इसी साल जनवरी में संरक्षण कार्य की तस्वीरें जारी की थी.
बता दें ताजमहर जांच की मांग कर रहे याचिकाकर्ता रजनीश सिंह जो बीजपी अयोध्या इकाई के मीडिया प्रभारी है. उन्होंने याचिका के जरिये ताजमहल को लेकर सरकार को तथ्य जांच समिति गठित करने का निर्देश देने की मांग की थी, जिसपर हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी याचिका को खारिज कर दिया है.
-भारत एक्सप्रेस
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