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Margsheersha Amavasya 2022: मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन दूर होगा पितृदोष और बनेंगे बिगड़े हुए काम

Margsheersha Amavasya 2022:  23 नवंबर बुधवार के दिन पड़ने वाली मार्गशीर्ष अमावस्या हिंदू धर्म में काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है. इस दिन शुभ काल में की गई पूजा से न केवल पितृ प्रसन्न होते हैं, बल्कि कुंडली के सभी दोष भी दूर होते हैं. जानें इस दिन किस विधि से पूजा करना चाहिए.

धार्मिक ग्रंथो के अनुसार श्रीकृष्ण जब अर्जुन को गीता का ज्ञान दे रहे थे तो उन्होने माह में खुद को मार्गशीर्ष माह बताया. इस बार 23 नवंबर को यह अति शुभ दिन यानी मार्गशीर्ष अमावस्या पड़ रही है. इसे अगहन अमावस्या और पितृ अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. कहते हैं कि मार्गशीर्ष महीने की यह अमावस्या माता लक्ष्मी को भी बहुत प्रिय है. इसलिए इस दिन माता लक्ष्मी की सच्चे मन से आराधना करने वाले पर उनकी कृपा बनी रहती है.

मार्गशीर्ष अमावस्या क्यों है खास

इसी माह में भगवान कृष्ण ने गीता का उपदेश दिया था. इस अमावस्या को पितरों की पूजा करने का भी विधान है. जो लोग पितृदोष से पीड़ित हैं उन्हें खास तौर पर इससे संबंधित पूजा और उपाय करने चाहिए. पुराणों के अनुसार इस दिन व्रत रखने से ब्रह्मा, इंद्र, रुद्र, अश्विनी कुमार, सूर्य और अग्नि समेत सभी देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है. जिन लोगों की कुंडली में किसी तरह का कोई दोष है वे भी इन दोषों को दूर करने के लिए इस दिन ज्योतिष के अनुसार उपाय कर सकते हैं. मार्गशीर्ष अमावस्या पर गंगा स्नान से सभी पापों से मुक्ति मिलती है.

इस वर्ष मार्गशीर्ष अमावस्या की तिथि

हिंदू पंचांग और ज्योतिषियों के अनुसार इस वर्ष नवंबर माह की 23 तारीख बुधवार के दिन मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या पड़ रही है. जाएगी. यह 23 नवंबर को सुबह 06 बजकर 53 मिनट से आरंभ हो जाएगी और अगले दिन 24 नवंबर को सुबह 04 बजकर 26 मिनट तक रहेगी. इस दिन स्नान करने के बाद दान करने से सभी तरह के पुण्य मिलते हैं.

क्या है मार्गशीर्ष अमावस्या से जुड़ी मान्यता

इस दिन व्रत रखते हुए श्राद्ध कर्म करने से पितरों की मोक्ष प्राप्ति होती है और व्यक्ति को पितृदोष से मुक्ति मिलती है.पितरों की कृपा से जातक के जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है. इसके अलावा गरीबों और जरूरमंदो को अन्न, वस्त्र और दूसरे तरीकों से मदद करने से जातक भगवान श्रीकृष्ण की विशेष कृपा का पात्र होता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन चंद्र देव की पूजा करने से साधक के सभी रुके हुए काम पूरे होते हैं.

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