हाई कोर्ट बेवजह ज़मानत पर रोक न लगाएं
ग़ौरतलब है कि देश भर की जेलों में लगभग 6 लाख क़ैदी बंद हैं। इनमें से बहुत सारे क़ैदी ऐसे हैं जिनका आरोप सिद्ध भी नहीं हुआ है। ऐसे में उन्हें यदि ज़मानत मिल जाती है तो जाँच एजेंसियाँ या सरकारी पक्ष इसके विरोध में खड़ी हो जाती है।
Puja Khedkar Case: IAS भर्ती में कोई भी समझौता देश के हितों को गंभीर रूप से कमजोर कर सकता है
पूजा खेडकर का मामला इस बात की गवाही है कि हमारे देश में फर्जी प्रमाण-पत्र दिखाकर मलाई खाने का खेल खूब चल रहा है, जिसे तुरंत बंद किए जाने की जरूरत है.
मिर्जापुर: हिंसा का सामान्यीकरण
जब हम हिंसा के दृश्यों को लगातार देखते हैं तो उनको हम एक सामान्य घटना मानने लग जाते हैं. ऐसी वेब सीरीज युवाओं में यह भाव भी भरते हैं कि पुलिस हमारी मुट्ठी में है और कुछ नहीं होगा?
सोशल मीडिया पर रील्स का दिखावा पड़ सकता है महंगा
Reels Show off on Social Media: कई बार रील्स बनाने वाले दुर्घटनाओं के शिकार हो जाते हैं, लेकिन फिर भी इसकी लत उनका पीछा नहीं छोड़ती.
मॉरीशस और फीजी : विश्व हिंदी सम्मेलन की रचनात्मकता के साथ-साथ वस्तुनिष्ठ रिपोर्ट
पुस्तक समीक्षा: 'मॉरीशस और फीजी: विश्व हिंदी सम्मेलन के झरोखे से' नाम की किताब 2018 में मॉरीशस में आयोजित 11वें विश्व हिंदी सम्मेलन और 2023 में फीजी में आयोजित 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन की गतिविधियों के साथ ही वहां के लोकरंग की विस्तृत जानकारी देती है.
आखिर किसके दबाव में है नागरिक उड्डयन मंत्रालय?
देश के कानून का उल्लंघन करने पर जो भी करवाई होती है वो ज्यादातर आम नागरिकों पर ही होती है. परंतु आपके सत्ता में ऊंचे संपर्क हैं तो आप प्राय: कानूनी करवाई से बच निकलते हैं.
‘जय फिलिस्तीन’ का नारा क्यों?
धर्म निरपेक्ष का मतलब नास्तिक होना नहीं है। बल्कि इसका भाव है, सर्व धर्म समभाव, यानी हर धर्म के प्रति सम्मान का भाव।
सेंगोल विवाद के बीच जानें इसकी महत्ता और इतिहास, भारत की आजादी और प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू से भी है खास कनेक्शन
नए संसद भवन के उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद भवन के अंदर सेंगोल स्थापित किया था, जिसके बाद से ही यह चर्चा में बना हुआ है.
अष्ट बलिदानी:- भावी पीढ़ियों के लिए बुनियादी दस्तावेज
आज जब देश अपने अमृत काल में प्रवेश कर चुका है तब "अष्ट बलिदानी" खण्डकाव्य के रचयिता संजीव कुमार त्यागी ने इस घटना को विश्व पटल पर सकारात्मकता के साथ रेखांकित एवं पुनर्स्थापित किया है।
33 हज़ार पेड़ न काटे यूपी सरकार
हजारों पेड़ों की इस कदर निर्मम कटाई से क्षेत्र की पारिस्थितिकी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. तापमान में वृद्धि जारी रहेगी, बारिश का पैटर्न भी बाधित होगा और हवा और भी जहरीली हो जाएगी.