महारास को देखने के लिए दूर-दूर से लोग यहां पहुंचे थे. पांडाल दर्शकों से खचाखच भरा था. इस नजारे को जिसने भी देखा वह भक्ति में ड़ूूब गया. जो जहां पर था, वहीं पर झुमने लगा. इस दौरान जय राधे जय कृष्णा के जयकारे भी लगे.
महारास महोत्सव कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना से हुई. इसके बाद कृष्ण का मंचन कर रहे मुंबई से आए सहयोगी कलाकार ने गोपियों और सखाओं के साथ कार्यक्रम में प्रस्तुति दी.
चांदनी रात में सांसद हेमा मालिनी ने जब सजधज कर महारास रचाया तो दर्शक श्रद्धा से ओत-प्रोत हो गए. भले ही बुधवार को CM योगी कार्यक्रम के साक्षी नहीं बन सके लेकिन उन्होंने जाने से पहले हेमा मालिनी को शुभकामनाएं दीं.
एक दिन पूर्व मंगलवार को बारिश के चलते स्थगित हुए महारास की प्रस्तुति सांसद हेमा मालिनी ने बुधवार को दी. करीब सवा सात बजे रात में जैसे ही महारास शुरु हुआ, गीत संगीत की स्वर में जवाहर बाग गूंज उठा.
बताया गया कि द्वापरयुग में गोपियों की इच्छा थी कि वह भगवान श्रीकृष्ण के साथ रास रचाए. ऐसे में भगवान श्रीकृष्ण ने राधा और गोपियों संग शरद पूर्णिमा पर रास रचाया था. इसे ही महारास नाम दिया गया.
दरअसल हेमा मालिनी ने महारास की पूरी थीम खुद तैयार की थी. मथुरा में ये उनकी पहली मंचीय प्रस्तुति नहीं है. इससे पहले उन्होंने 2015 और 2018 में छटीकरा, वृंदावन और वेटेरिनरी विश्वविद्यालय में नृत्य किया था. सांसद के प्रतिनिधि जनार्दन शर्मा ने बताया कि हेमामालिनी ने महारास की तैयारी खुद की है.
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