प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कारगिल युद्ध की 25वीं वर्षगांठ पर भारतीय सैनिकों के बलिदान का सम्मान करते हुए द्रास में कारगिल युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की और फिर वर्चुअल माध्यम से शिंकुन ला सुरंग परियोजना का शिलान्यास किया.
शिंकुन ला सुरंग 4.1 किलोमीटर लंबी होगी और इसका निर्माण निमू-पदुम-दारचा रोड पर 15,800 फीट की ऊंचाई पर किया जाएगा, जो पूरा होने पर दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग होगी. शिंकुन ला सुरंग एक ट्विन-ट्यूब डबल लेन सुरंग होगी जिसमें हर 500 मीटर पर क्रॉस पैसेज होंगे.
इसका उद्देश्य हिमाचल प्रदेश के लाहौल को लद्दाख के जांस्कर से जोड़ना है, जिससे लेह तक हर मौसम में संपर्क स्थापित किया जा सकेगा, जो विशेष रूप से प्रतिकूल मौसम की स्थिति के दौरान कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है. शिंकू ला सुरंग पूरी हो जाने पर हिमाचल प्रदेश में लाहौल घाटी और लद्दाख में ज़ांस्कर घाटी के बीच एक महत्वपूर्ण संपर्क के रूप में काम करेगी. वर्तमान में, ये क्षेत्र हर साल कई महीनों तक बर्फ से ढके रहते हैं, जिसके कारण इन क्षेत्रों को कनेक्टिविटी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.
सुरंग के निर्माण से सशस्त्र बलों की आवाजाही में उल्लेखनीय सुधार होने तथा लद्दाख के दूरदराज के क्षेत्रों तक पहुंच बढ़ाकर आर्थिक विकास में सहायता मिलने की उम्मीद है. इससे माल और सेवाओं का बेहतर परिवहन संभव होगा, जिससे पर्यटन और अन्य आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा.
-भारत एक्सप्रेस
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