आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के न्यायधीश जी नरेंद्र को नैनीताल हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया क्या है. राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद कानून मंत्रालय ने इससे संबंधित आदेश जारी किया है. 24 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने न्यायधीश जी नरेंद्र के नाम की सिफारिश की थी.
न्यायधीश बनने से पहले वो वकालत करते थे, जिसके बाद जी नरेंद्र को 2 जनवरी 2015 को कर्नाटक हाई कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था. वे 30 अक्टूबर 2023 को आंध्र प्रदेश के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए तब से वही कार्यरत थे. हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदोन्नति से पहले उन्होंने कर्नाटक हाई कोर्ट में वकालत की. वह अनुभवी न्यायाधीश है जिन्हें कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के हाई कोर्ट के न्यायिक और प्रशासनिक कार्यो का अनुभव है. 10 अक्टूबर को तत्कालीन चीफ जस्टिस ऋतु बाहरी के सेवानिवृत्त होने के बाद राष्ट्रपति की ओर से वरिष्ठ न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी को कार्यवाहक चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया था.
न्यायाधीश जी नरेंद्र का जन्म 10 जनवरी 1964 को हुआ है. उन्होंने बैचलर ऑफ आर्टस और एलएलबी में स्नातक की पढ़ाई पूरी की और 23 अगस्त 1989 को बार काउंसिल ऑफ तमिलनाडु में एक वकील के रूप में नामांकित हुए. 1989 से 1992 तक मद्रास हाईकोर्ट में प्रैक्टिस की. साल 1993 में उन्होंने अपना पंजीयन कर्नाटक स्टेट बार काउंसिल में स्थानांतरित किया जबकि हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति गुरमीत सिंह संधावालिया की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है.
केंद्रीय कानून राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर नियुक्ति से संबंधित जानकारी को ट्वीट किया. 11 जुलाई 2024 को न्यायधीश गुरमीत सिंह संधावालिया को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश पद के लिए अनुशंसित किया गया था. अब न्यायाधीश संधावालिया को हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पद पर नियुक्त किया गया है.
इससे पहले 19 अक्टूबर को हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पद पर रहे राजीव शकधर रिटायर्ड हो चुके है. उनकी रिटायरमेंट के बाद से न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. न्यायाधीश संधावालिया ने साल 1986 में चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज से स्नातक की परीक्षा पास की थी. साल 1989 में उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से एलएलबी की. इसी साल वह पंजाब एवं हरियाणा के बार काउंसिल में बतौर वकील जुड़े. उनके पिता साल 1978 और साल 1983 के बीच पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और साल 1983 से साल 1987 के बीच पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रह चुके है.
-भारत एक्सप्रेस
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