सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई और सीवीसी से संबंधित मामले की समयबद्ध तरीके से जांच करने के लिए दिशा निर्देश जारी करने की मांग वाली याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए केंद्र सरकार को अतिरिक्त समय दे दिया है. केंद्र सरकार को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करना होगा. कोर्ट जुलाई में इस मामले में अगली सुनवाई करेगा. कोर्ट अगली सुनवाई में मामले में एमिकस क्यूरी नियुक्त करने पर विचार करेगा.
याचिकाकर्ता ने मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया कि चार वर्षों में अभी तक जवाब दाखिल नही किया गया है, जबकि सीबीआई के पास 2500 से अधिक मामले फिलहाल लंबित है. सीजेआई संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि कभी-कभी सीबीआई केस में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी जाती है, और अदालतें जांच की अनुमति दे देती है. याचिकाकर्ता ने दलील देते हुए कहा कि ताकतवर लोग सत्ता में आते हैं और सीबीआई उसी के अनुसार काम करती है.
याचिका में जांच में देरी के लिए दिल्ली पुलिस स्थापना अधिनियम 1946 या केंद्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम 2013 में समयबद्ध जांच पूरी करने के दिशा निर्देश की कमी को जिम्मेदार ठहराया है. अधिवक्ता मनीष पाठक द्वारा दायर याचिका में दावा किया गया है कि सीबीआई द्वारा जांच समयपाबंद तरीके से पूरी करने के दिशानिर्देश के अभाव में, मामले के आरोपी को साक्ष्यों से छेड़छाड़ हो सकता है.
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-भारत एक्सप्रेस
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