
सुरक्षाबल.
Manipur Violence: मणिपुर हिंसा के दो साल से अधिक समय बीत चुका है. सुप्रीम कोर्ट के 6 जजों के प्रतिनिधिमंडल 22 मार्च को हिंसा प्रभावित मणिपुर में राहत शिविरों का दौरा करेगा. जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता में प्रतिनिधिमंडल कानूनी और मानवीय सहायता को मजबूत करने के लिए दौरा करेगा. प्रतिनिधि मंडल में जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस एमएम सुंदरेश, जस्टिस केवी विश्वनाथन और जस्टिस एन कोटिश्वर शामिल है.
हिंसा में अब तक 200 से अधिक लोगों की जान गई
2024 में जारी ग्लोबल रिपोर्ट के मुताबिक 200 से अधिक लोगों की जान चली गई, बड़े पैमाने पर लोग विस्थापित हुए, जिसमें लगभग 67000 लोगों को विस्थापित होना पड़ा था. मणिपुर में तीन मई 2023 को हिंसा हुई थी. यह हिंसा कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हुई थी, मणिपुर में माइनॉरिटी ग्रुप मैतेई है. कुकी जैसे दूसरे ट्राइबल ग्रुप भी है, जो माइनॉरिटी में है मैतेई ज्यादातर मैदानी इलाकों में रहते हैं जबकि अन्य आदिवासी समुदाय पहाड़ी इलाकों में रहते है.
अगर मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा मिल जाता है तो उनकी पहुच पहाड़ी इलाकों में बढ़ जाएगी. यहां के आदिवासियों का कहना है कि अगर मैतेई समुदाय को भी अनुसूचित जनजाति बना दिया गया तो उनके रोजगार से लेकर कई आयामों पर इसका प्रभाव पड़ेगा. इसलिए वे सब इसका विरोध कर रहे हैं.
पूर्व जस्टिस गीता मित्तल की अध्यक्षता में गठित कमेटी
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर में जातीय हिंसा के पीड़ितों के राहत और पुनर्वास को लेकर गठित कमेटी का कार्यकाल को 31 जुलाई तक के लिए बढ़ा दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस गीता मित्तल की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था. इस कमेटी में पूर्व जस्टिस गीता मित्तल के अलावे बॉम्बे हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस शालिनी पी जोशी और दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस आशा मेनन शामिल है.
सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त 2023 को पीड़ितों के राहत और पुनर्वास तथा उन्हें मुआवजा देने की निगरानी के लिए हाई कोर्ट की तीन पूर्व महिला जस्टिस की एक कमेटी गठित करने का आदेश दिया था. इसके अलावे महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस प्रमुख दत्तात्रेय पडसलगीकर को आपराधिक मामलों की जांच की निगरानी करने को कहा था.
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-भारत एक्सप्रेस
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