Shardiya Navratri 2024 Day 5 Maa Skandmata Puja: शारदीय नवरात्रि के पांचवे दिन मां दुर्गा के स्कंदमाता की पूजा का विधान है. इस साल शारदीय नवरात्रि में मां स्कंदमाता की पूजा सोमवार, 7 अक्टूबर को यानी आज की जा रही है. माता स्कंदमाता कमल के आसन पर विराजमान रहती हैं. यही वजह कि उन्हें कमलासना या पद्मासना कहा जाता है. मां स्कंदमाता की गोद में स्कंदकुमार विराजमान हैं. देवी दुर्गा के इस स्वरूप की उपासना से संतान सुख प्राप्ति और शत्रुओं का नाश होता है.
मान्यता है कि मां स्कंदमाता अपने भक्तों की भक्ति से बहुत जल्द प्रसन्न होकर मनोकामना पूर्ण करती हैं. इतना ही नहीं, माता के इस स्वरूप की पूजा से मोक्ष प्राप्ति का भी वरदान प्राप्त होता है. ऐसे में आइए जानते हैं शारदीय नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा के लिए विधि, माता को प्रिय भोग, मंत्र और आरती.
नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा-अर्चना पीले रंग के वस्त्र पहनकर करना चाहिए. पूजन से पहले स्नान करें और इसके बाद मां स्कंदमाता को कुमकुम, अक्षत, लाल रंग के फूल और पीले फल इत्यादि अर्पित करें. माता को पीले रंग की वस्तुओं का भोग लगाएं. इसके साथ ही उनके समक्ष घी का दीपक जलाएं. इसके बाद पूरी श्रद्धा और निष्ठा के साथ माता की उपासना करें. पूजन के क्रम में माता के मंत्रो का जाप करें. पूजन के अंत में मां स्कंदमाता की आरती करें.
मां स्कंदमाता को पीला रंग बेहद प्रिय है. ऐसे में नवरात्रि के पांचवें दिन की पूजा में मां स्कंदमाता को केले का भोग लगाएं. स्कंदमाता को केले का भोग लगाने के बाद इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करें. मान्यता है कि इस प्रसाद को ग्रहण करने से संतान प्राप्ति की इच्छा पूरी होती है. साथ ही साथ हर प्रकार की बाधाएं खत्म हो जाती हैं.
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ॐ देवी स्कन्दमातायै नमः
वन्दे वांछित कामर्थेचन्द्रार्घकृतशेखराम्
सिंहारूढाचतुर्भुजास्कन्धमातायशस्वनीम्
धवलवर्णाविशुद्ध चक्रस्थितांपंचम दुर्गा त्रिनेत्राम
सिंहासानगता नितयं पद्माश्रितकरद्वया
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी
या देवी सर्वभूतेषु मां स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
जय तेरी हो स्कंद माता
पांचवां नाम तुम्हारा आता
सबके मन की जानन हारी
जग जननी सबकी महतारी
तेरी जोत जलाता रहू मैं
हरदम तुझे ध्याता रहू मैं
कई नामों से तुझे पुकारा
मुझे एक है तेरा सहारा
कही पहाडो पर है डेरा
कई शहरों में तेरा बसेरा
हर मंदिर में तेरे नजारे
गुण गाए तेरे भक्त प्यारे
भक्ति अपनी मुझे दिला दो
शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो
इंद्र आदि देवता मिल सारे
करे पुकार तुम्हारे द्वारे
दुष्ट दैत्य जब चढ़ कर आए
तू ही खंडा हाथ उठाए
दासों को सदा बचाने आयी
भक्त की आस पुजाने आयी
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