Nidhi Tiwari Love Story: निधि तिवारी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) का निजी सचिव नियुक्त किया गया है. अजित डोभाल की टीम में काम करने के कारण निधि तिवारी सीधे पीएमओ में पहुंचीं है. उनकी नियुक्ति के बाद उनके परिवार में वाराणसी में खुशी का माहौल है.
पीएम मोदी की निजी सचिव बनाए जाने के बाद अब हर कोई निधि तिवारी के बारे में जानना चाहता है. निधि तिवारी कौन हैं? क्या उन्होंने लव मैरिज की थी या अरेंज मैरिज? निधि तिवारी के पति कौन है और क्या काम करते है? आइए जानते है उनकी कहानी.
2014 बैच की आईएफएस (IFS) अधिकारी निधि तिवारी ने साल 2013 में सिविल सेवा परीक्षा में 96वीं रैक हासिल की थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीएम मोदी का निजी सचिव बनने से पहले निधि पिछले लगभग ढाई साल से PMO में अपनी सेवाएं दे रही हैं. निधि नवंबर 2022 में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में अंडर सेक्रेटरी (अवर सचिव) के रूप में शामिल हुई थीं.
निधि तिवारी ने साल 2013 की सिविल सेवा परीक्षा पास करने से पहले वाराणसी में सहायक आयुक्त (वाणिज्य कर) के रूप में भी काम किया है. पीएमओ में शामिल होने से पहले निधि तिवारी विदेश मंत्रालय (एमईए) में कार्यरत थीं, जहां उन्होंने निशस्त्रीकरण और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के प्रभाग में काम किया. वे सीधे एनएसए अजीत डोभाल को रिपोर्ट करती थीं.
भास्कर की रिपोर्ट् के मुताबिक, निधि तिवारी ने लखनऊ यूनिवर्सिटी से 2004 में बायोकेमिस्ट्री से B.Sc किया. इसके बाद निधि वाराणसी आ गई और यहां BHU में पढ़ाई की करने आईं. साल 2005 में उन्होंने M.Sc बायोकेमिस्ट्री में एडमिशन लिया. हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करती थीं. वो 2007 में BHU बायोकेमिस्ट्री से पास होने पर गोल्ड मेडलिस्ट के खिताब से नवाजी गईं.
वाराणसी में पढ़ाई के दौरान निधि तिवारी की मुलाकात सुशील जायसवाल से हुई. सुशील जायसवाल मेडिकल स्टूडेंट थे और दोनों की लैब में कभी-कभी मुलाकात होती थी. इन छोटी-छोटी मुलाकात के दौरान निधि और सुशील में बातचीत शुरू हुई. फिर धीरे-धीरे दोनों एक-दूसरे के करीब आ गए. दिसंबर, 2006 में दोनों ने शादी कर ली.
निधि के पति सुशील ने बताया कि शादी के बाद निधि ने वैज्ञानिक बनने की तैयारी शुरू की. 2007 में, उनका चयन भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) में हो गया, और वह महाराष्ट्र चली गईं. लेकिन उनका सपना ब्यूरोक्रेसी में कुछ बड़ा करने का था. 2008 में उनका एक बेटा हुआ और इसी दौरान उन्होंने यूपीपीएससी (UPPSC) की परीक्षा देने का निर्णय लिया.
बेटे के जन्म के बाद निधि घर आईं और यहां रहते हुए अपने नए लक्ष्य की तैयारी शुरू की. 2008 में, उन्होंने UPPSC की परीक्षा दी और असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर चयनित हुईं. उन्होंने दो साल तक यहां काम किया, फिर 2011 में UPSC की परीक्षा के लिए दिल्ली शिफ्ट हो गईं.
2013 में, निधि का IFS (भारतीय विदेश सेवा) बनने का सपना पूरा हुआ जब उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा में 96वीं रैंक हासिल की. 2017 में उन्हें विदेश मंत्रालय में डेस्क पर पोस्टिंग मिली.
निधि तिवारी के पति सुशील जायसवाल पेशे से डॉक्टर हैं और वाराणसी के प्रसिद्ध लेप्रोस्कोपी सर्जन हैं. वह घुटना प्रत्यारोपण, सिर और गले की सर्जरी, और एनेस्थीसिया के विशेषज्ञ हैं. सुशील के पास 22 साल का अनुभव है और उन्हें दिल्ली के एम्स और सर गंगाराम अस्पताल के अलावा कई अन्य शहरों में लेप्रोस्कोपी सर्जरी की ट्रेनिंग देने के लिए बुलाया जाता है. उनका क्लिनिक वाराणसी के श्रीरामनगर कॉलोनी में स्थित है.
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-भारत एक्सप्रेस
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