उत्तर प्रदेश

Uttar Pradesh: Encounter को लेकर नए दिशानिर्देश जारी, घटनास्थल की वीडियोग्राफी और पुलिस हथियारों की जांच अनिवार्य

UP Police Encounter: उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) ने कथित अपराधियों के साथ एनकाउंटर (Encounter) में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए नए दिशा-निर्देश (New Guidelines) जारी किए हैं.

जिला पुलिस प्रमुखों को लिखे पत्र में राज्य के शीर्ष पुलिस अधिकारी प्रशांत कुमार (DGP Prashant Kumar) ने 16-सूत्रीय दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसमें कथित अपराधी की मौत के मामलों में एनकाउंटर स्थल (मुठभेड़ स्थल) की वीडियोग्राफी (Videography) भी शामिल है. नए दिशा-निर्देशों में एनकाउंटर में शामिल कथित अपराधियों के हाथ धोने के नमूने और उनसे बरामद हथियारों की बैलिस्टिक जांच अनिवार्य की गई है.

पोस्टमॉर्टम की वीडियोग्राफी

डीजीपी प्रशांत कुमार के पत्र में पुलिस अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि एनकाउंटर में मारे गए व्यक्ति का पोस्टमॉर्टम दो डॉक्टरों की संयुक्त टीम द्वारा किया जाना चाहिए और पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जानी चाहिए.

अपने पत्र में डीजीपी ने पुलिस अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) टीम अपराध स्थल की तस्वीरें ले, घटनास्थल का पुनर्निर्माण करे तथा सभी साक्ष्यों को फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी सहित उचित दस्तावेजीकरण के साथ जांच में शामिल किया जाए.


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आरोपी घायल होते हैं तो…

डीजीपी ने जिला पुलिस प्रमुखों को यह भी निर्देश दिया कि वे सुनिश्चित करें कि पुलिस कार्रवाई में शामिल पुलिस अधिकारियों द्वारा इस्तेमाल किए गए हथियार एनकाउंटर के बाद जमा करा दिए जाएं तथा जांच के लिए भेजे जाएं.

डीजीपी प्रशांत कुमार द्वारा जारी ताजा दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि जिन मामलों में आरोपी मामूली या गंभीर रूप से घायल होते हैं, वहां अपराधी के हाथ धोने के नमूने और उनसे बरामद हथियारों की बैलिस्टिक जांच अवश्य कराई जानी चाहिए. आगे कहा गया है कि घायलों के मामलों में शामिल पुलिस अधिकारियों और अपराधियों दोनों की मेडिकल रिपोर्ट केस डायरी (सीडी) के साथ संलग्न की जानी चाहिए.

एनकाउंटर में 50 लोगों की मौत

डीजीपी के दिशानिर्देशों में पुलिस एनकाउंटर के मामले में कुछ मानकों और मानदंडों को सुनिश्चित करने के लिए पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (PUCL) द्वारा सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) में दायर याचिका के संबंध में जारी किए गए सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का भी संदर्भ दिया गया है.

मालूम हो कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत 25 मार्च 2022 को हुई थी, तब से अब तक पुलिस एनकाउंटर में 50 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं. इस साल सितंबर में समाजवादी पार्टी के प्रमुख और लोकसभा सांसद अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने सुल्तानपुर डकैती मामले के आरोपी मंगेश यादव (Mangesh Yadav) की पुलिस एनकाउंटर में मौत के बाद सरकार पर निशाना साधा था.

-भारत एक्सप्रेस

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