थाईलैंड के फुकेत से दिल्ली आने वाली Air India Express (फ्लाइट नंबर I377, I-bus 320) के यात्रियों ने 80 घंटे से अधिक समय तक फंसे रहने का दावा किया है. उनका कहना है कि एयरलाइंस ने लापरवाही बरतते हुए उनकी जान जोखिम में डाल दी.
16 नवंबर की रात इस फ्लाइट को दिल्ली के लिए उड़ान भरनी थी. लेकिन तकनीकी खराबी के कारण इसे छह घंटे की देरी से चलने का ऐलान किया गया. इस दौरान यात्रियों को एयरपोर्ट पर किसी भी सुविधा के बिना इंतजार करने के लिए छोड़ दिया गया. कुछ घंटों बाद यात्रियों को विमान में चढ़ा दिया गया, लेकिन एक घंटे के भीतर उड़ान रद्द कर दी गई, और यात्रियों को फिर से विमान से उतार दिया गया. इस स्थिति ने यात्रियों, खासकर बुजुर्गों और बच्चों, को बेहद परेशान कर दिया.
17 नवंबर को विमान को फिर से उड़ान के लिए तैयार किया गया. यात्रियों को उसी विमान में बैठाया गया और टेकऑफ कराया गया. लेकिन उड़ान भरने के 2 घंटे 24 मिनट बाद तकनीकी खराबी की वजह से विमान को वापस फुकेत में उतारना पड़ा. इस घटना के बाद यात्रियों ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर की. पोस्ट के अनुसार, 100 से अधिक यात्री अब भी फुकेत में फंसे हुए हैं.
एयर इंडिया के सूत्रों ने बताया कि पहली बार फ्लाइट को ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (पायलटों की तय समय सीमा) के कारण रद्द किया गया था. जब 17 नवंबर को विमान ने उड़ान भरी, तो तकनीकी समस्या के कारण इसे आपात लैंडिंग करनी पड़ी. विमान की मरम्मत न हो पाने की वजह से यात्रियों को परेशानी हुई.
सूत्रों ने यह भी कहा कि यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था की गई थी और मुआवजे की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है. कई यात्रियों को पहले ही भेजा जा चुका है, जबकि 35-40 यात्री अब भी फुकेत में हैं, जिन्हें आज शाम की फ्लाइट से भेजे जाने की योजना है.
यात्रियों का कहना है कि जिस विमान में खराबी थी, उसी को दोबारा उड़ान के लिए इस्तेमाल किया गया और दावा किया गया कि विमान पूरी तरह ठीक है. इसके बावजूद उड़ान के दौरान तकनीकी खराबी आई और उन्हें वापस उतारना पड़ा. एयर इंडिया की इस लापरवाही पर अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. यात्रियों ने इस पूरे घटनाक्रम को बेहद तनावपूर्ण और अस्वीकार्य बताया है.
–भारत एक्सप्रेस
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