केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि 2025 तक टीबी के उन्मूलन का प्रयास कर रहा भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जिसने इस बीमारी के मामलों का अनुमान लगाने के लिए अपना खुद का तंत्र विकसित किया है.
उन्होंने जिनेवा में 76वीं विश्व स्वास्थ्य सभा के दौरान तपेदिक विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में यह भी कहा कि भारत में 2015 से 2022 तक टीबी के मामलों में 13 प्रतिशत की कमी देखी गई है, जो वैश्विक स्तर पर बीमारी के मामलों में 10 प्रतिशत की कमी से अधिक है.
मांडविया ने कहा कि भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जिसने अपने यहां टीबी के मामलों का अनुमान लगाने के लिए अपना खुद का तंत्र विकसित किया है. उन्होंने कहा कि स्थानीय सबूतों के आधार पर एक गणितीय मॉडल के माध्यम से भारत अब विश्व स्वास्थ्य संगठन की वार्षिक रिपोर्ट से काफी पहले अपने यहां बीमारी के मामलों का सही अनुमान लगा सकता है.
अपने संबोधन में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने टीबी उन्मूलन की दिशा में हुई सामूहिक प्रगति का मूल्यांकन करने के अवसर के रूप में सितंबर में तपेदिक पर होने वाली संयुक्त राष्ट्र की आगामी बैठक के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने वैश्विक सतत विकास लक्ष्य से पांच साल पहले 2025 तक टीबी उन्मूलन के प्रयास में भारत की प्रतिबद्धता की सराहना की. मंत्री ने टीबी के खिलाफ लड़ाई में एक प्रभावी टीका विकसित करने की महत्वपूर्ण आवश्यकता को भी रेखांकित किया.
-भारत एक्सप्रेस
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