PM Modi’s Thailand Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने थाईलैंड की यात्रा पर हैं. उनकी यह यात्रा भारत और थाईलैंड के बीच ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण संबंधों को और भी गहरा करने वाली साबित होगी. इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक, आर्थिक, और कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की हैं.
पीएम मोदी के बैंकॉक पहुंचने पर उनका एक भव्य स्वागत किया गया, जो दोनों देशों के बीच गहरी दोस्ती का प्रतीक था. भारतीय प्रवासी समुदाय ने इस स्वागत समारोह में उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिसमें पारंपरिक नृत्य, संगीत, और जोरदार जयकारों के माध्यम से भारतीय संस्कृति का शानदार प्रदर्शन किया गया.
इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने प्रवासी समुदाय के योगदान की सराहना की और भारत-थाईलैंड के ऐतिहासिक संबंधों पर प्रकाश डाला. उन्होंने बौद्ध धर्म की भूमिका को भी रेखांकित किया, जो दोनों सभ्यताओं को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण तत्व है.
यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने थाई रामायण, जिसे रामाकेन के नाम से जाना जाता है, के एक अद्भुत प्रदर्शन का आनंद लिया. यह प्रदर्शन भारत और थाईलैंड के बीच साझा सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का प्रमाण था.
रामायण की यह प्रस्तुति न केवल ऐतिहासिक महत्व रखती है, बल्कि यह दोनों देशों के बीच भाषा, परंपरा, और विश्वास के आदान-प्रदान का भी प्रतीक है. पीएम मोदी ने इस सांस्कृतिक अनुभव को सराहा और इसे भारत-थाईलैंड संबंधों को और सुदृढ़ करने का एक महत्वपूर्ण कदम बताया.
भारत-थाईलैंड संबंधों के सम्मान में थाई सरकार ने 18वीं सदी की रामायण की भित्तिचित्रों पर आधारित एक विशेष डाक टिकट जारी किया. पीएम मोदी ने इस सम्मान के लिए कृतज्ञता व्यक्त की और इसे दोनों देशों की साझा सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक बताया.
उन्होंने प्राचीन काल में नालंदा और थाईलैंड के बीच विद्वानों के आदान-प्रदान का भी जिक्र किया, जो बौद्ध धर्म के प्रसार और दोनों देशों के बीच गहरे संबंधों का प्रमाण है.
यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने थाईलैंड की प्रधानमंत्री पाइतोंग्तार्न शिनवात्रा से मुलाकात की. दोनों नेताओं ने आर्थिक विकास, व्यापार और क्षेत्रीय स्थिरता पर चर्चा की.
पीएम मोदी ने ASEAN की एकता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया और एक मुक्त, खुला, और समावेशी इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के महत्व पर बल दिया. उन्होंने ‘विकासवाद’ (विकास पर केंद्रित नीति) को ‘विस्तारवाद’ (विस्तार पर केंद्रित नीति) के स्थान पर रखते हुए क्षेत्रीय शांति और समृद्धि के प्रति भारत की दृष्टि को स्पष्ट किया.
दोनों प्रधानमंत्रियों ने एक-दूसरे को उपहारों का आदान-प्रदान किया, जो दोनों देशों के बीच मित्रता और सांस्कृतिक सराहना का प्रतीक था. इस कदम ने भारत-थाईलैंड के ऐतिहासिक और साझा विरासत को और भी सुदृढ़ किया.
इसके अलावा, पीएम मोदी को थाई प्रधानमंत्री द्वारा पवित्र “द वर्ल्ड टिपिटाका: सज्जया फोनेटिक एडिशन” भेंट की गई, जो बौद्ध धर्म की साझा आध्यात्मिक विरासत को दर्शाता है.
पीएम मोदी और थाई पीएम ने कई महत्वपूर्ण समझौतों (MoUs) के आदान-प्रदान को देखा, जो व्यापार, निवेश, कनेक्टिविटी, और सांस्कृतिक सहयोग के क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करेंगे.
ये समझौते दोनों देशों के बीच आर्थिक विकास और क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देंगे, जिससे भारत-थाईलैंड साझेदारी के नए आयाम खुलेंगे.
थाईलैंड की इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने भारत-थाईलैंड के भविष्य के संबंधों के प्रति आशावाद व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि यह यात्रा न केवल सांस्कृतिक कूटनीति को सुदृढ़ करने वाली थी, बल्कि क्षेत्रीय सहयोग को भी मजबूती प्रदान करने वाली रही.
यात्रा के दौरान प्राप्त गर्मजोशी भरा स्वागत, समुदाय के साथ जुड़ाव, और सांस्कृतिक उत्सवों ने इस यात्रा को एक यादगार और प्रभावशाली कूटनीतिक यात्रा बना दिया.
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