अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने बताया कि अमेरिका और कनाडा के हवाई क्षेत्र में इस महीने नष्ट की गईं तीन संदिग्ध वस्तुओं के चीनी जासूसी गुब्बारा कार्यक्रम से संबंध का कोई संकेत नहीं मिला है और ये वस्तुएं संभवत: निजी कंपनियों या अनुसंधान संस्थानों से संबंधित थीं. साउथ कैरोलाइना में अटलांटिक महासागर के तट पर एक चीनी गुब्बारे को मार गिराए जाने के बाद बाइडन ने व्हाइट हाउस में अपने पहले संबोधन में कहा कि अमेरिकी लड़ाकू विमानों ने तीन अन्य वस्तुओं को मार गिराया जिनमें दो को अमेरिका और एक को कनाडा में नष्ट किया गया. चीनी गुब्बारे को मार गिराने के मद्देनजर चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति ने बीजिंग के साथ संवाद की आवश्यकता पर जोर दिया.
बाइडन ने अमेरिका और कनाडा के हवाई क्षेत्र में इस महीने नष्ट की गईं तीन संदिग्ध वस्तुओं का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘अमेरिका और कनाडा की सेना मलबे को प्राप्त करने का प्रयास कर रही है ताकि वे इन तीन वस्तुओं के बारे में और जान सकें. खुफिया समुदाय अब भी तीनों घटनाओं का आकलन कर रहा है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम अब तक ठीक से नहीं जानते कि ये तीन वस्तुएं क्या थीं. अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि क्या वे चीन के जासूसी गुब्बारे कार्यक्रम से संबंधित थीं या वे किसी अन्य देश के निगरानी यान थे.’’ बाइडन ने कहा, ‘‘खुफिया समुदाय का फिलहाल यही अनुमान है कि ये तीन वस्तुएं संभवत: ऐसे गुब्बारे थीं, जिनका संबंध निजी कंपनियों, मनोरंजन या मौसम का अध्ययन करने वाले या अन्य वैज्ञानिक अनुसंधान करने वाले अनुसंधान संस्थानों से था.’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने शुरुआत से ही कहा है कि हमें चीन के साथ प्रतिस्पर्धा चाहिए न कि संघर्ष. हम नया शीत युद्ध नहीं चाहते. हम प्रतिस्पर्धा करेंगे. हम जिम्मेदारी के साथ इस प्रतिस्पर्धा को अंजाम देंगे ताकि यह संघर्ष में नहीं बदले.’’
बाइडन ने चीनी गुब्बारे को नष्ट किए जाने के मद्देनजर कहा, ‘‘यह प्रकरण हमारे राजनयिकों और हमारे सैन्य पेशेवरों के बीच खुले संवाद को बनाए रखने के महत्व को रेखांकित करता है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे राजनयिक आगे भी संवाद में शामिल होंगे और मैं भी (चीन के) राष्ट्रपति शी (चिनफिंग) के साथ संवाद बनाए रखूंगा. मैं हमारे खुफिया, राजनयिक और सैन्य पेशेवरों के पिछले कई हफ्तों में किए कार्य के लिए उनका आभारी हूं, जिन्होंने एक बार फिर साबित किया है कि वे दुनिया में सबसे सक्षम हैं.’’
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बाइडन ने कहा कि उन्होंने चीनी निगरानी गुब्बारों को जल्द से जल्द मार गिराने का आदेश दिया था, क्योंकि यह सुरक्षा की दृष्टि से जरूरी था. उन्होंने कहा, ‘‘सेना ने इसके विशाल आकार को देखते हुए इसे जमीनी क्षेत्र के ऊपर मार गिराने से बचने की सलाह दी थी जो कई स्कूल बस के आकार के बराबर था और अगर इसे थल क्षेत्र के ऊपर मार गिराया जाता तो यह जमीन पर मौजूद लोगों के लिए खतरा हो सकता था.’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसके बजाय हमने इसकी बारीकी से निगरानी की, हमने इसकी क्षमताओं का विश्लेषण किया और हमने इसके बारे में और जानकारी जुटाई कि यह कैसे काम करता है.’’ बाइडन ने कहा, ‘‘ हमने तब तक इंतजार किया जब तक यह जल क्षेत्र के ऊपर सुरक्षित नहीं पहुंच गया. इससे न केवल नागरिकों की रक्षा होती बल्कि आगे के विश्लेषण के लिए हम इसके पर्याप्त घटकों को पुन: प्राप्त भी कर पाते. फिर हमने एक स्पष्ट संदेश भेजते हुए इसे मार गिराया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिकी संप्रभुता का उल्लंघन अस्वीकार्य है.’’
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