लंदन में हिजाब विरोधी सड़कों पर
लंदन में ईरानी दूतावास के बाहर प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई. ये लोग ईरान सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए महिलाओं को अधिकार दिए जाने की मांग कर रहे थे. पेरिस में प्रदर्शनकारियों को ईरान दूतावास के बाहर पुलिस ने रोकने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया. प्रदर्शनकारी दूतावास के सुरक्षा घेरे को तोड़ने का प्रयास कर रहे थे. लंदन में भी कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है.
ईरान में शहर-शहर प्रदर्शन
ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शन पिछले दस दिनों से जारी है. आंदोलन के हिंसक होने के बाद पुलिस कार्रवाई में 41 लोगों की मौत हो चुकी है. ईरान के 31 शहरों में लोग सड़कों पर हैं और सरकार का लगातार विरोध कर रहे हैं. अब तक करीब एक हजार लोगों को हिरासत में लिया गया है. सरकार जनता के गुस्से को देखते हुए परेशान है.शायद उसे इतने बड़े पैमाने पर प्रदर्शनों की उम्मीद नहीं थी. ईरान में हिजाब को लेकर बेहद कड़े नियम हैं. ईरान में नियम है कि यदि कोई लड़की 9 साल से अधिक उम्र की हो जाती है तो उसके लिए हिजाब पहनना जरूरी होता है. ऐसा न करने पर सजा का प्रावधान है.
मीडिया का गला घोंटने की कोशिश
ईरान में जारी विवाद के बीच अब पुलिस-प्रशासन ने विरोध को दबाने के लिए पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी हिरासत में लेना शुरू कर दिया. वाशिंगटन के कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक 18 पत्रकारों को जेल में डाल दिया गया है. इसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने वाली पत्रकार याल्दा मोएरी भी शामिल हैं
सोशल मीडिया पर पाबंदी
सरकार की ओर से विरोध को दबाने की पूरी कोशिश की जा रही है। सरकार ने फेसबुक, व्हाटसऐप, इंस्टाग्राम, और टि्वटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और इंटरनेट पर भी पाबंदी लगा दी है.
-भारत एक्सप्रेस