Ajab Gajab: दुनिया के कई लोग भूत-पिशाच पर भरोसा नहीं करते हैं, तो कई लोग इसे वहम मानते हैं. मगर ये ऐसी सच्ची कहानी है, जिसे सुनकर आपको भी आत्माओं पर यकीन होने लगेगा. यह कहानी इसलिए भी अहम है क्योंकि यह उस देश की है जहां विज्ञान पर, तर्क पर विश्वास किया जाता है.
कहानी है एनालिस मिशेल की. उसका जन्म जर्मनी के बवारिया शहर में 21 सितंबर 1952 को हुआ था. परिवार ईसाई धर्म से ताल्लुक रखता था. वे लोग धर्म को लेकर बेहद कट्टर थे. वो ईश्वर को मानते और अपने धर्म का प्रचार करते. परिवार वालों को देखकर एनालिस ने भी यही सोचा था कि वह बड़े होकर अपने धर्म का प्रचार करेगी. मगर, किस्मत को कुछ और ही मंजूर था.
एनालिस जब 16 साल की हुई तो वह टेम्पोरल लोब एपिलेप्सी नाम की बीमारी का शिकार हो गई. इस बीमारी में मरीज न सिर्फ अपनी याददाश्त खो देता है, बल्कि उसका अपने शरीर पर भी कोई कंट्रोल नहीं रहता है. एनालिस के परिवार ने उसे पहले अपने गुरु को दिखाया. जब गुरु इस बीमारी को ठीक करने में नाकामयाब रहे तो परिवार एनालिस को डॉक्टर के पास ले गया. मगर पांच साल तक के लंबे ट्रीटमेंट के बाद भी एनालिस ठीक नहीं हो पाई.
एनालिस की तबीयत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही थी. वह अजीबोगरीब हरकतें करती, जिसे देखकर परिवार और परेशान हो गया. फिर उन्होंने ये समझ लिया कि उनकी बेटी को कोई बीमारी नहीं है. उसके अंदर किसी भूत-प्रेत का साया है. इसके बाद एनालिस के माता-पिता ने सोचा कि इसे चर्च में किसी पादरी को दिखाना चाहिए.
उससे पहले उन्होंने एस्ट्रो ओड नाम शख्स को घर बुलाया, जो उनकी जान पहचान का था. एस्ट्रो ने देखा कि एनालिस फर्श पर पड़ी हुई थी. जैसे ही एनालिस ने एस्ट्रो को देखा तो फर्श पर पेशाब कर दिया और चाटने लगी. इसके बाद वह पास पड़े कोयले के टुकड़े खाने लगी. इस दौरान एस्ट्रो ने देखा कि एनालिस के चेहरे पर एक अजीब सी हंसी है. वो न खुलकर हंसती है और न खुलकर रोती है. वह एक एक्सप्रेशन देती है वो भी अजीब सी हल्की सी हंसी की.
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एस्ट्रो ने एनालिस के माता-पिता को सलाह दी एनालिस का झाड़-फूंक या तंत्र-मंत्र करवाना चाहिए. एनालिस के माता-पिता ने एस्ट्रो की बात मान ली. इसके बाद दो पादरियों ने पहली बार एनालिस पर तंत्र-मंत्र की क्रिया की. पादरियों ने बताया कि एनालिस के अंदर एक दो नहीं बल्कि 6 शैतानी आत्माओं का साया है. जैसे ही पहला झाड़-फूंक का काम किया गया. उसके बाद एनालिस की हालत पहले से और भी ज्यादा खराब हो गई. एनालिस अब मकड़ियों को भी खाने लगी थीं और कुत्ते की तरह भी भौंकना शुरू कर दिया था.
जब एनालिस पर झाड़-फूंक की क्रिया की जाती थी तो पादरियों को भी कई बार उन शैतानी आत्माओं से बात करना पड़ता था. ये दोनों झाड़-फूंक की पूरी प्रक्रिया को अक्सर ऑडियो कैसेट में रिकॉर्ड भी करते थे. दोनों को शैतानी आत्माओं के नाम भी इसी तरह पता चला. दरअसल जब वे एनालिस पर झाड़-फूंक कर रहे थे तो उन्होंने उससे पूछा कि तुम्हारे अंदर किसकी आत्माएं है तब एनालिस ने उन 6 लोगों के नाम लिए. एक ऑडियो में एनालिस की ये बात रिकॉर्डिंग हुई थी. इसमें उसकी आवाज भी बेहद डरावनी सुनाई दे रही थी.
धीरे-धीरे एनालिस कुपोषण का शिकार हो गईं. उसकी हालत बहुत ज्यादा खराब हो गई थी. 30 जून 1976 के दिन उस पर आखिरी बार झाड़-फूंक की क्रिया की गई. इस दौरान एनालिस ने कहा कि वह अब थक चुकी है. अब उसे इस शरीर से छुटकारा पाना है बस. फिर 1 जुलाई 1976 की सुबह एनालिस की मौत हो गई. उस समय वह महज 23 साल की थी.
-भारत एक्सप्रेस
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