अजब-गजब

Ajab Gajab: यहां आज भी पत्थर से खरीद सकते हैं सामान, नहीं चलते सिक्के या नोट, जानें वजह

Stone Currency: हम जब भी बाजार से या किसी भी इंसान से कोई चीज खरीदते हैं तो उसके बदले में हमें उसको पैसे देने होते हैं. चीजों को खरीदने-बेचने के लिए पैसे के लेन-देन का चलन सदियों पुराना है. आज के समय में दुनिया के लगभग हर देश ने अपनी करेंसी जारी की हुई है. इसमें ज्यादातर सिक्के और कागज के नोट शामिल है.

लेकिन क्या आप जानते हैं 21वीं सदी में भी दुनिया में एक ऐसी करेंसी है, जहां सिक्के और नोट नहीं बल्कि पत्थर की करेंसी चलती है. यहां पत्थर से बनी चीजों को खरीदा या बेचा जाता है. सोशल मीडिया पर भी इस करेंसी की खूब चर्चा हो रही है. यहां कागज के नोट नहीं चलते हैं बल्कि मुद्रा के रूप में यहां पत्थरों का इस्तेमाल किया जाता है. आइए जानते हैं आखिर ये कौन सी अनोखी जगह है.

कहां चलती है पत्थर की करेंसी?

जब दुनिया में मुद्रा का चलन शुरू भी नहीं हुआ था तो लोग चीजों को खरीदने के लिए बार्टर सिस्टम का इस्तेमाल करते थे. इस सिस्टम में खरीदे जाने वाले सामान के बदले कोई उतनी ही वैल्यू रखने वाला सामान दिया जाता था. जैसे अगर किसी को बकरी खरीदनी है तो उसको बदले में भेड़ या कोई अन्य सामान देना होगा.

बहरहाल एक द्वीप है, जो प्रशांत महासागर में स्थित है. वहां पर अभी भी पत्थर की करेंसी चलती है. जहां एक तरफ इंसान चांद तक पहुंच गया है, वहीं दूसरी तरफ इस आईलैंड में आज भी पत्थर की मुद्रा का चलना वाकई हैरान कर देने वाली बात है.

यहां इंसान जितनी बड़ी है करेंसी

इसमहाद्वीप में छोटे से लेकर इंसान जितने बड़े पत्थर करेंसी के रूप में चलते हैं. जानकारी के मुताबिक, यह आईलैंड करीब 100 स्क्वायर किलोमीटर में फैला है. यहां करीब 12 हजार लोग रहते हैं. आईलैंड में कई छोटे-छोटे गांव हैं. यहां पर हर परिवार के पास पत्थर के रूप में करेंसी है.

उस पत्थर के ऊपर परिवार का नाम भी लिखा होता है. करेंसी माने जाने वाले इन पत्थरों के बीच एक बड़ा सा छेद बना होता है. पत्थर के वजन के साथ ही उसका मूल्य भी बढ़ता है. यानी जितना ज्यादा भारी पत्थर होता है उसकी कीमत उतनी ही ज्यादा होती है. ज्यादा और भारी पत्थर वाला परिवार यहां अमीर माना जाता है.

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पत्थर की करेंसी होने की वजह

इस अजीबो-गरीब करेंसी की शुरुआत कैसे और कब हुई इसका कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला है, लेकिन माना जाता है कि पत्थर की करेंसी चलने के पीछे की वजह इस आईलैंड पर किसी बेशकीमती कच्चे माल या धातु का ना मिलना है. इस आइलैंड पर सोना या कोयला भी नहीं पाया जाता है. सदियों से यहां चूना-पत्थर को ही करेंसी के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है.

-भारत एक्सप्रेस 

Akansha

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