हर दिन दुनिया में कुछ नया होता है और उसके लिए उत्सुकता बनी रहती है. दुनिया में आज भी कई ऐसी जगहें हैं जहां इंसानों का पहुंचना मुश्किल माना जाता है. वहीं एडवेंचर में यकीन रखने वाले कुछ ट्रेवलर्स खतरनाक से खतरनाक जगह जाने से भी नहीं हिचकते लेकिन आज हम आपको 5 ऐसे खतरनाक जगहों के बारे में बताने वाले हैं, जहां जाने का मतलब है वापस लौटकर नहीं आना. इन जगहों की तस्वीरें इतनी खूबसूरत होती हैं कि आदमी किसी भी तरह यहां जाए बिना नहीं रह पाए. मगर इन जगहों की इतिहास बेहद खतरनाक है.
भारत का नॉर्थ सेंटिनल आइलैंड पर लोगों के जाने पर पाबंदी है. अंडमान-निकोबार में स्थित इस आइलैंड एक बेहद ही खतरनाक जगह है. यहां काफी प्राचीन जातियां निवास करती हैं जिन्होंने बाहरी दुनिया के लोगों की एंट्री बैन कर रखी है. जन जाति बाहरी लोगो को अपने आयरलैंड के आस-पास भी भटकने भी नहीं देती है और अगर ऐसा कोई करता भी है तो वे उसे जान से मार डालते है.
ब्राजील के एक शहर साओपौलो से लगभग 33 किलोमीटर दूरी पर स्थित है ऐसा टापू जहां इंसानों का जाना सख्त मना है . इस आइलैंड का नाम है स्नेक आइलैंड. यह छोटा सा आइलैंड जहरीले सांपों से भरा हुआ है. इस छोटे से द्वीप पर विभिन्न प्रजातियों के 4000 से भी ज्यादा सांप हैं. ये सांप अगर किसी को काट ले उसका जिंदा रहना नामुमकिन होता है. इसी को देखते हुए ब्राजील सरकार ने स्नेक आइलैंड पर जाने पर पाबंदी लगा रखी है.
लैसकॉक्स गुफा दुनिया भर के पुरातत्वविदों के लिए एक खजाना है. गुफा के अंदर पूर्व-ऐतिहासिक चित्र हैं जो 17,300 वर्ष पुराने हैं. एक समय था जब फ्रांस के लोग लस्केक गुफाएं में छूटी मानाने आते थे. लोगो के यहां आने से कलाकृत्यों को नुक्सान होने लगा, जिसके चलते लोगो के लिए यहां पे जाने पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया. अफसोस की बात है कि गुफा 1963 से आम जनता के लिए बंद है.
हर्ड आइलैंड वोल्केनो दुनिया की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है. मगर जितनी यह खूबसूरत है उससे भी ज्यादा खतरनाह जगह है. हर्ड वेल्कोनो दुनिया का वो इकलौता जगह है जहां ज्वालामुखी और बर्फ दोनों एक साथ हैं. वैज्ञानिकों के मुताबिक यहां जाने वाले लोग यहां से जिंदा नहीं लौट सकते हैं. साल 2000 में यहां का ज्वालामुखी फूट पड़ा था और चारों तरफ आग की नदिया बह रही थी. बर्फ की चादर के बीच निकलते आग की नदी कुदरत के करिश्मे से विश्व का वाकिफ करवा रही थी मगर ये अहसास भी दिला रही थी कि ये जगह कितना ज्यादा खतरनाक है. साल 2000 में लावा फूटने के बाद से इस वोल्केनो को आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया.
वेनिस और लीडो के बीच बसे इस आयरलैंड को भूतो का बसेरा कहा जाता है. एक वक्त यहां प्लेग के शिकार मरीजों को क्वारंटाइन करके रखा जाता था और माना जाता है कि इस मकान में प्लेग के हजारों मरीजों की मौत हो गई थी. उस समय में इस बीमारी का इलाज नहीं था. इसलिए इन मरीजों को इस आईलैंड में लाकर बस यूं ही छोड़ दिया जाता था. कुछ इतिहासकारों के मुताबिक ईस आईलैंड पर एक साथ लगभग 1 लाख 60 हजार लोगों को जिंदा जला दिया गया था ताकि यहां बढ़ रही बीमार लोगों की भीड़ को कम किया जा सके. तब से यह भूतों की जगह मानी जाने लगी. आम लोगों का यहां जाना मना है.
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