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क्या आपने दुनिया के सबसे खतरनाक और विशालकाय जीवों की कहानियां सुनी हैं? समुद्र की गहराइयों में पाई जाने वाली मेगालोडन शार्क ऐसा ही एक प्राणी था. उसकी खोज में लगे वैज्ञानिकों ने अध्ययन में पाया है कि उसका वजन 100 टन तक था. वह सबसे बड़ी सफेद शार्क से तीन गुना लंबा था.

दुनिया के सबसे बड़े देश रूस में एक रिसर्च स्टेशन आज आर्कटिक के घने जंगल और बर्फ की मोटी चादर से ढकी जमीन के बीच वीरान पड़ा है. वहां टूटी दीवारें, जंग लगे टूटे-फूटे इक्विपमेंट्स ही हैं.

ऐसा हो सकता है कि अनंत ब्रह्मांड में मौजूद असंख्य आकाशगंगाओं में हमारी धरती जैसे अरबों ग्रह मौजूद होंगे. इन आकाशगंगाओं में एक ऐसा ग्रह भी हो सकता है, जो बिल्कुल हमारी पृथ्वी जैसा हो और जहां यहां की तरह जीवन भी हो.

यह एस्टेरॉयड 7 अगस्त, 2024 को खोजा गया था और इसे पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव में 29 सितंबर से 25 नवंबर, 2024 तक देखा जा सकेगा.

अध्ययन को लेकर शोधकर्ताओं ने कहा है कि एक दशक पहले पहचाने गए जलवायु टिपिंग प्वाइंट्स में से आधे से अधिक अब सक्रिय हो गए हैं.

यूरेनस साल 1781 में खगोलशास्त्री विलियम हर्शेल ने खोजा था. हालांकि उन्होंने शुरू में सोचा था कि यह या तो धूमकेतु है या फिर तारा. दो साल बाद खगोलशास्त्री जोहान एलर्ट बोडे के रिसर्च के बाद इसे एक नए ग्रह के रूप में स्वीकार किया गया था.

Days Getting Longer On Earth: वैज्ञानिकों ने ग्लेशियल आइसोस्टैटिक एडजस्टमेंट के प्रभाव को मापा है.

अगर सैटेलाइट हाई ऑर्बिट में है तो वैज्ञानिक उसे स्पेस में ही और आगे भेज देते हैं, ताकि वो धरती के ऑर्बिट से दूर हो जाए.

ब्रह्मांड के तमाम रहस्यों से अब तक पर्दा नहीं उठ सका है. हालांकि वैज्ञानिकों की खोज ने तमाम तथ्यों को हमारे सामने भी रखा है. हम आपको ब्रह्मांड से जुड़े कुछ ऐसे ही तथ्यों से रूबरू कराने जा रहे हैं, जिन्हें जानकर आपका दिमाग हिल जाएगा.

मई की शुरूआत में चीन ने अपना चैंग'ई-6 मिशन लॉन्च किया था. उसका मकसद चांद के सबसे दूर वाले हिस्से (जहां अंधेरा होता है) पर जाकर सैंपल इकट्ठे करके वापस धरती पर लाना था, वो मिशन 53 दिन बाद पूरा हो गया है.