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Microsoft Outage: माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर में क्यों आई समस्या और क्या है इसका समाधान

प्रभात सिन्हा


पिछले शुक्रवार 19 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय व्यवसाय जगत को झकझोरने वाला एक बड़ा आईटी अवरोध हुआ. देखते ही देखते इस अवरोध का असर कई देशों के आम जनजीवन पर पड़ा. हमारे देश भारत सहित कई प्रमुख देशों के एयरलाइंस, मीडिया, अस्पताल, सार्वजनिक सेवाएं कुछ घंटों के लिए लगभग ठप पड़ गईं.

कई संस्थाओं में कर्मचारी अपना सिस्टम नहीं खोल सके तो तकनीकी कर्मचारियों ने सिस्टम को मैन्युअल तरीके से रीबूट किया. अनेकों व्यवसाय अपने ग्राहकों से कार्ड से भुगतान नहीं ले पाए. प्रमुख साइबर सुरक्षा कंपनी क्राउडस्ट्राइक के एक खराब सॉफ्टवेयर अपडेट ने दुनिया भर के माइक्रोसॉफ्ट ऑपरेटिंग सिस्टम विंडोज को बाधित कर दिया.

हालांकि माइक्रोसॉफ्ट कंपनी सक्रियता दिखाते हुए समस्या के मूल को समझकर इसका कारण और निदान निकाला, फिर भी अनेकों व्यवसाय माइक्रोसॉफ्ट के उपयोगकर्ता संघर्ष करते रहे. आईटी अवरोध की यह घटना तकनीक पर बढ़ती निर्भरता और तकनीकी कंपनियों की उपेक्षा के बढ़ते व्यापक परिदृश्य को उजागर करती है.

हवाई यात्रा पर प्रभाव

माइक्रोसॉफ्ट आउटेज का व्यापक असर हवाई यात्रा पर दिखा. बर्लिन, न्यूयॉर्क, लंदन और दिल्ली जैसे व्यस्त हवाई अड्डों पर यात्रियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी. कई उड़ानें रद्द कर दी गईं, कई उड़ानें काफी देर से चलीं.

सूत्रों के अनुसार, पूरी दुनिया में कुल 21,000 से अधिक उड़ानें धीमी हो गईं. हमारे देश में भी उड़ान संचालन बुरी तरह से प्रभावित हुए. इंडिगो, स्पाइसजेट,और अकासा सहित सभी प्रमुख एयरलाइनों की बुकिंग और चेक-इन सेवाओं में अवरोध उत्पन्न हुआ. चेक-इन सेवाओं में अनुरोध के कारण सभी प्रमुख हवाई अड्डों पर अफरा-तफरी मच गई.

वित्तीय संस्थानों पर असर

अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और ऑस्ट्रेलिया सहित कई देशों के वित्तीय संस्थानों पर भी इस आउटेज का व्यापक प्रभाव दिखा. आईटी विफलता के दौरान कई वित्तीय संस्थानों को बैकअप सिस्टम का उपयोग करने के लिए मजबूर होना पड़ा.

जेपी मॉर्गन चेज एंड कंपनी, बैंक ऑफ अमेरिका कॉर्प और नोमुरा होल्डिंग्स इंक के बैंक कर्मचारी शुक्रवार को अपने कंप्यूटर उपकरण पर कुछ समय तक लॉग इन करने में असमर्थ रहे, अधिकांश प्रतिभूति व्यापार कंपनियों का व्यावसायिक डेस्क कई घंटों तक बंद रहा.

आउटेज के कारण जेपी मॉर्गन चेज एंड कंपनी के हजारों एटीएम बंद पड़ गए, अनेकों टेलर स्टेशन भी काम नहीं कर रहे थे. ऑस्ट्रेलिया के कॉमनवेल्थ बैंक, एएनजेड, वेस्टपैक और न्यूजीलैंड के एएसबी बैंक के परिचालन बाधित होने की सूचना मिली है. विकसित देशों की अपेक्षा भारतीय वित्तीय क्षेत्र इस आईटी अवरोध से लगभग अछूता ही रहा. भारतीय रिजर्व बैंक के सूत्रों के अनुसार लगभग 10 बैंकों और गैरबैंकिंग कंपनियों में ही मामूली असर देखा गया.

मीडिया, स्वास्थ्य और अन्य सेवाओं पर असर

मीडिया क्षेत्र में ऑस्ट्रेलिया की एबीसी और ब्रिटेन की स्काई न्यूज के प्रसारण सेवाओं में बाधा उत्पन्न हुई. नियमित कार्यक्रमों को रोक कर संचालन को न्यूनतम क्षमता के साथ चलाया गया.

अमेरिका के अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवाओं में देरी हुई. प्रमुख शल्य चिकित्सकों ने गैर-जरूरी सर्जरी रद्द कर दी और लैबकॉर्प जैसी प्रयोगशाला सेवाओं के काम में भी व्यवधान पड़ा. ब्रिटेन के प्रमुख चिकित्सक स्कैन, रक्त परीक्षण और रोगी इतिहास नहीं देख पाए. ऑस्ट्रेलिया के कोपेनहेगन शहर के अग्निशमन विभाग और विक्टोरिया राज्य की पुलिस जैसी प्रमुख आपातकालीन सेवाओं को तकनीकी कठिनाइयां हुईं.

आउटेज का मुख्य कारण

माइक्रोसॉफ्ट के वैश्विक विफलता का मूल कारण विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए क्राउडस्ट्राइक नामक कंपनी के द्वारा निर्गत फाल्कन सेंसर सॉफ्टवेयर का दोषपूर्ण अपडेट था. व्यवधान माइक्रोसॉफ्ट के उन्हीं मशीनों में हुआ जिनमे क्लाउडस्ट्रक के फाल्कन सेंसर लगे थे.

19 जुलाई को माइक्रोसॉफ्ट विंडोज उपयोग कर्ताओं को कंप्यूटर मशीन चालू करने के बाद माइक्रोसॉफ्ट प्रचलित एरर संदेश जो ‘ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ’ (बीएसओडी) दिखा. सामान्यतया यह एरर संदेश आंतरिक सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर समस्याओं को इंगित करता है. जैसे मेमोरी फुल होने वाला हो, रैम की क्षमता काम पड़ रही हो, मशीन ज्यादा गरम हो रहा हो, असंगत ड्राइवर अपडेट हो गया हो.

लेकिन 19 जुलाई को यह एरर मैसेज माइक्रोसॉफ्ट विंडोज उपयोगकर्ताओं को क्राउडस्ट्राइक के उत्पाद फाल्कन के नए अपडेट के कारण दिखा. बीएसओडी के बाद आम तौर पर कंप्यूटर कुछ देर के लिए रुक जाता है और वापस चालू करने के लिए मशीन को रीस्टार्ट या रीबूट करना पड़ता है.

फाल्कन को मूलतया क्लाउड तकनीक का उपयोग कर साइबर हमलों और उल्लंघनों के रोकथाम के लिए बनाया गया है. क्राउडस्ट्राइक के उत्पादों को साइबर समस्याओं को पकड़ने के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम तक बेहतर पहुंच की आवश्यकता होती है.

क्राउडस्ट्राइक के उत्पाद फाल्कन में जारी किए गए सॉफ्टवेयर अपडेट के माइक्रोसॉफ्ट विंडोज के साथ परस्पर संचार में खराबी के कारण बीएसओडी एरर दिखने लगा, जिसके कारण बड़ा आईटी अवरोध उत्पन्न हुआ. मूलतया आउटेज माइक्रोसॉफ्ट की गलती से नहीं, बल्कि क्राउडस्ट्राइक के दोषपूर्ण अपडेट के कारण हुआ.

चीन आउटेज से लगभग अछूता रहा

विकसित देशों सहित विश्व के अधिकांश हिस्सों में आईटी व्यवधान के उलट चीन में माइक्रोसॉफ्ट आउटेज का प्रभावी असर नहीं दिखा. सभी प्रमुख एयरलाइंस और वित्तीय संस्थान सुचारू रूप से काम करते रहे. हालांकि चीन से संचालित चुनिंदा विदेशी कंपनियों ने आईटी समस्या के हल्के प्रभाव की जानकारी दी है, लेकिन मूलतया परिचालन सक्रिय रहा.

इसका एक कारण है, बहुत कम चीनी कंपनियों के द्वारा क्लाउडस्ट्राइक के उत्पादों का उपयोग है. दूसरा मुख्य कारण है चीनी नियामकों का वह अधिदेश जिसके अनुसार विदेशी कंपनियों को क्लाउड सेवाओं के लिए स्थानीय भागीदार नियुक्त करना जरूरी होता है. इसीलिए माइक्रोसॉफ्ट की क्लाउड सेवाएं चीन में 21 वायानेट नामक एक स्थानीय भागीदार के द्वारा निष्पादित की जाती हैं. परिणामस्वरूप चीन में माइक्रोसॉफ्ट की सेवाएं अन्य भौगोलिक क्षेत्रों से अलग हैं.

आईटी कंपनियों को जिम्मेदार होना पड़ेगा

माइक्रोसॉफ्ट और क्राउडस्ट्राइक का आईटी व्यवधान वैश्विक सेवाओं की आपूर्ति श्रृंखलाओं से जुड़े गंभीर समस्या की तरफ इशारा करता है. वैश्विक स्तर के सभी महत्वपूर्ण संस्थान और उद्योग का परिचालन कुछ चुनिंदा अपेक्षाकृत अस्पष्ट सॉफ्टवेयर विक्रेताओं एवम सेवा प्रदाताओं पर निर्भर करती हैं, जहां अनजाने में की गई एक छोटी गलती से भी भयंकर अवरोध पैदा हो सकते हैं और आम लोगों को परेशानी झेलनी पड़ सकती है.

क्राउडस्ट्राइक जैसी बड़ी और लोकप्रिय कंपनी को नए अपडेट को लागू करने से पहले प्रभावी तौर पर जांच परख कर लेना चाहिए था. लापरवाही का तात्कालिक असर यह हुआ कि क्राउडस्ट्राइक का शेयर मूल्य 11% तक गिर गया. निवेशकों के अलावा ग्राहकों साथ भी पुनर्विचार करने के लिए मजबूर होकर अब वे पालो ऑल्टो नेटवर्क्स और सेंटिनलवन जैसे प्रतिद्वंद्वियों के उत्पाद की तरफ रुख कर सकते हैं.

माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़े उपभोक्ता आधार वाले और प्रसिद्ध कंपनी को भी नए अपडेट को अपने उपभोक्ता के लिये जारी करने से पहले आवश्यक उपयोगकर्ता स्वीकृति परीक्षण करना चाहिये था.

क्या है निदान

भविष्य में ऐसी समस्या से निदान के लिए बड़ी कंपनियां मल्टी-क्लाउड रणनीति का उपयोग कर सकती हैं, लेकिन इसके कारण अनावश्यक व्यय बढ़ जाएगा. हमारे देश का सूचना प्रसारण मंत्रालय आउटेज की जानकारी मिलने के बाद से ही सक्रिय रहा है. आगे चलकर हमारी सरकार को भी चीन के तर्ज पर कुछ वैकल्पिक व्यवस्था करनी होगी, जिससे ऐसे गंभीर अवरोधों को रोका जा सके.

(लेखक बहुराष्ट्रीय आईटी संस्था इंटेलीजेंस आईटी के संस्थापक सह प्रबंध निदेशक हैं.)

-भारत एक्सप्रेस

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