केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह द्वारा मंगलवार (26 नवंबर) को जारी किए गए बुनियादी पशुपालन सांख्यिकी (BAHS) 2024 के अनुसार, 2023-24 के दौरान भारत का दूध उत्पादन (Milk Production) 3.78% बढ़कर 23 करोड़ 93 लाख टन हो गया, जबकि मांस और अंडे में क्रमश: 4.95% और 3.17% की वृद्धि हुई.
हालांकि पिछले कुछ वर्षों में दूध की वृद्धि धीमी रही है, जो 2021-22 में 5.77% और 2022-23 में 3.83% थी. भारत अब भी दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक बना हुआ है. 26 नवंबर को मनाए जाने वाले राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के अवसर पर डेयरी मंत्री ने डेयरी उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया.
इस अवसर पर पशुपालन राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल और मत्स्य पालन राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन के साथ ही पशुपालन सचिव अलका उपाध्याय, अतिरिक्त सचिव वर्षा जोशी और गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ लिमिटेड (GSMMF) के प्रबंध निदेशक जयेन मेहता भी उपस्थित थे, जो ‘अमूल’ ब्रांड के तहत डेयरी उत्पादों की मार्केटिंग करते हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, “विदेशी/संकरित (Crossbred) मवेशियों से दूध उत्पादन में 8% की वृद्धि हुई है और देशी/गैर-वर्णित (Non-descript ) मवेशियों से दूध उत्पादन में 2023-24 में पिछले वर्ष की तुलना में 44.76% की वृद्धि हुई है.” हालांकि, रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भैंसों के दूध उत्पादन में 16% की कमी आई है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023-24 में कुल अंडा उत्पादन 3.17% बढ़कर 142.77 अरब हो गया. इसमें कहा गया है, ‘प्रति व्यक्ति अंडे की उपलब्धता 103 अंडे प्रति वर्ष है.’ अंडा उत्पादन में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि मांस उत्पादन में 4.95% की वृद्धि हुई है और 2023-24 में इसके 10 करोड़ 25 लाख टन तक पहुंचने का अनुमान है. देश में कुल ऊन उत्पादन 33 करोड़ 69 लाख मिलियन किलोग्राम आंका गया है.
मौके पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन (Rajiv Ranjan) ने डेयरी किसानों से अपने पशुओं का टीकाकरण करने को कहा. उन्होंने कहा कि सरकार मुफ्त टीके उपलब्ध करा रही है और खुरपका-मुंहपका (Mouth Disease ) रोग तथा ब्रुसेलोसिस (Brucellosis) को 2030 तक समाप्त कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा, “इससे निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी.”
राज्य मंत्री बघेल ने प्रति पशु औसत दूध उत्पादन बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया. पशुपालन सचिव उपाध्याय ने कहा कि भारत का डेयरी क्षेत्र विश्व में अग्रणी बनकर उभरा है, लेकिन इसमें अभी भी बहुत संभावनाएं हैं. दूध की धीमी वृद्धि के बारे में पूछे जाने पर GCMMF के एमडी मेहता ने कहा कि पिछले 10 वर्षों की औसत वृद्धि लगभग 6% रही है, जो विश्व के औसत से अधिक है. उन्होंने कहा कि दूध उत्पादन मानसून सहित कई कारकों पर निर्भर करता है.
-भारत एक्सप्रेस
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