भारत के सबसे बड़े उद्योगपतियों में से एक अडानी समूह (Adani Group) के चेयरमैन गौतम अडानी (Gautam Adani) ने वैश्विक मीडिया ग्रुप Bloomberg को एक्सक्लूसिव इंटरव्यू दिया. इसमें उन्होंने पहली बार अपने रिटायरमेंट और उत्तराधिकार के बारे में जानकारी दी है. साथ ही उन्होंने शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट्स से हुए भारी नुकसान के बारे में भी बात की.
ब्लूमबर्ग के पत्रकार एंटो एंटनी से बातचीत के दौरान अडानी ने अपने बिजनेस मॉडल, भारत तथा अन्य देशों में किए जा रहे अरबों डॉलर के निवेश और भविष्य की योजनाओं से जुड़े सवालों के जवाब दिए.
आपने किस तरह अपना औद्योगिक साम्राज्य स्थापित किया, इस पर अडानी कहते हैं, ‘मैंने पूरी दिलचस्पी के साथ अपने काम पर फोकस रखा, मैं चुनौतियों से नहीं डिगा. यहां तक कि अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च के हमले से हुआ अरबों डॉलर का नुकसान झेला, लेकिन फिर भी निरंतर अपनी योजनाओं और महत्वाकांक्षाओं में सक्रिय रहा.’
अडानी ग्रुप को आपके बाद और कौन संभालेंगा, उत्तराधिकार किसे सौंपेंगे, इस सवाल पर गौतम अडानी ने कहा, ‘मैं 2030 के दशक की शुरुआत में अडानी समूह का नियंत्रण अपने वंशजों को सौंप दूंगा. परिवर्तन जैविक, क्रमिक और बहुत व्यवस्थित होना चाहिए.’
अडानी ने ब्लूमबर्ग से कहा, ‘कारोबार की स्थिरता के लिए उत्तराधिकार बहुत-बहुत महत्वपूर्ण है. मैंने यह विकल्प दूसरी पीढ़ी पर छोड़ दिया है, क्योंकि बदलाव स्वाभाविक, क्रमिक और बहुत व्यवस्थित होना चाहिए.’
ब्लूमबर्ग से बात करते हुए गौतम अडानी की ओर से कहा गया कि उनके बेटे करण (37 वर्ष) और जीत (26 वर्ष) अडानी और उनके चचेरे भाई प्रणव (45 वर्ष) और सागर (30 वर्ष) अडानी को पारिवारिक ट्रस्ट के माध्यम से ‘वारिस’ नामित किया गया है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि गौतम अडानी के रिटायर होने के बाद उनके उत्तराधिकारी जीत, करण, प्रणव और सागर अडानी समूह को होल्ड करने वाले पारिवारिक ट्रस्ट के बराबर लाभार्थी बन जाएंगे.
समूह की वेबसाइट के अनुसार, गौतम अडानी के बड़े बेटे करण वर्तमान में अडानी पोर्ट्स के प्रबंध निदेशक हैं, जबकि छोटे बेटे जीत अडानी एयरपोर्ट्स के निदेशक हैं, भतीजे प्रणव अडानी एंटरप्राइजेज के निदेशक हैं और भतीजे सागर अडानी ग्रीन एनर्जी के कार्यकारी निदेशक हैं.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, भविष्य में खाली होने वाले अडानी समूह के अध्यक्ष पद के लिए प्रणव और करण सबसे संभावित उम्मीदवार हैं.
अडानी ने माना कि हिंडनबर्ग शॉर्ट-सेलर के हमले और DOJ ब्राइबरी जांच का विवाद अभी भी मंडरा रहा है. उन्होंने यह भी माना कि उनके लिए पिछले कुछ साल उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं. हालांकि, दुनिया ने देखा है कि एक भारतीय अरबपति के रूप में उन्होंने अडानी समूह को कैसे एक विशाल औद्योगिक समूह में बदल दिया, जो दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक में बड़ी और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को नियंत्रित करता है.
अडानी समूह ने उन्हें दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से एक बना दिया, लेकिन उन्हें देश में आलोचना और नियामक जांच का भी सामना करना पड़ा है
देश में अगली पीढ़ी के लिए अडानी की महत्वाकांक्षाओं के बारे में ब्लूमबर्ग की विशेष सीरीज ‘इनसाइड अडानी’ आई है, जिसका पहला एपिसोड यहां क्लिक करके देखा जा सकता है.
ब्लूमबर्ग बिलियनेयर इंडेक्स (बीबीआई) के अनुसार, 62 वर्षीय गौतम अडानी, मुकेश अंबानी के बाद एशिया के दूसरे सबसे अमीर आदमी हैं और उनकी संपत्ति 100 अरब डॉलर से अधिक है.
-भारत एक्सप्रेस
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