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Solar Energy: सौर उत्पादन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए 1 बिलियन डॉलर की सब्सिडी योजना ला सकता है भारत

India Solar Industry: भारत सौर उत्पादन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए 1 बिलियन डॉलर की सब्सिडी योजना तैयार कर रहा है. यह कदम चीन पर निर्भरता को कम करने और वैश्विक ऊर्जा संक्रमण से लाभ उठाने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है. मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है, और यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय के शीर्ष सलाहकारों द्वारा समर्थित है. यह योजना मंत्रालय द्वारा पेश की जाएगी और कुछ महीनों में कैबिनेट से मंजूरी मिलने की संभावना है.

सौर उद्योग की कमजोर कड़ी, वेफर और इंगॉट्स

भारत की सौर उद्योग में अभी भी वेफर और इंगॉट्स का उत्पादन एक बड़ी चुनौती है. इनकी उत्पादन क्षमता महज 2 गीगावाट है, जो अडानी एंटरप्राइजेज द्वारा स्थापित किया गया है. हालांकि, भारत में सोलर मॉड्यूल्स और सैल की क्षमता में वृद्धि हुई है, लेकिन यह इस क्षेत्र के कमजोर हिस्से के रूप में बना हुआ है. इस योजना का उद्देश्य इन्हीं कमजोर क्षेत्रों को मजबूत करना है.

चीन पर निर्भरता को कम करने की आवश्यकता

भारत, चीन से सौर उपकरणों का आयात करता है, जो देश की ऊर्जा सुरक्षा के लिए एक खतरे के रूप में देखा जा रहा है. भारत में सोलर मॉड्यूल्स और सैल का उत्पादन बढ़ा है, लेकिन वेफर और इंगॉट्स के उत्पादन में पिछड़ापन है. इस योजना के तहत, सरकार सौर उद्योग की इन कमजोर कड़ियों को मजबूत करने के लिए कदम उठा रही है, ताकि भारत को अपने ऊर्जा आपूर्ति में अधिक आत्मनिर्भर बनाया जा सके.

मोबाइल उद्योग के समान सफलता की उम्मीद

भारत सरकार ने मोबाइल फोन निर्माण उद्योग में भी इसी तरह की योजना बनाई थी, जिससे देश में कंपनियों को आकर्षित किया और विदेशी कंपनियों को विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने के लिए प्रेरित किया. इसमें सैमसंग और एप्पल जैसी कंपनियां शामिल हैं. अब भारत सरकार का प्रयास है कि वह सौर उत्पादन उद्योग में भी इस सफलता को दोहराए और वैश्विक ऊर्जा संक्रमण से जुड़े लाभ प्राप्त करे.

सब्सिडी योजना के लाभ

यह योजना सौर वेफर और इंगॉट्स के उत्पादन में लगे उद्योगों को लाभ पहुंचाएगी. यह उनके निर्माण लागत को घटाने के साथ-साथ लॉजिस्टिक्स और गुणवत्ता नियंत्रण जैसी समस्याओं का समाधान भी करेगी. हालांकि, एक और चुनौती यह है कि भारत के पास उच्च गुणवत्ता वाले पॉलिसिलिकॉन का उत्पादन करने की क्षमता नहीं है, जो कि सौर वेफर और इंगॉट्स के लिए आवश्यक कच्चा माल है. इस पर चीन का वर्चस्व है, जो दुनिया में पॉलिसिलिकॉन का सबसे बड़ा उत्पादक है.

  • भारत एक्सप्रेस
Bharat Express Desk

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