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रिकॉर्ड उत्पादन की उम्मीद के बीच अक्टूबर में भारत का चावल निर्यात 86% बढ़ा, 1 बिलियन डॉलर का आंकड़ा किया पार

India’s Rice Exports: चावल की खेती करने वाले किसानों के लिए खास खबर है. सरकार ने बताया है कि इस बार अक्टूबर में भारत का चावल निर्यात 1 बिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर गया है. सरकार ने देशी चावल के निर्यात को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए थे, जिसका अच्‍छा असर देखने को मिला है.

देश के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2024 में चावल का निर्यात 1,050.93 मिलियन डॉलर रहा, जो पिछले साल के इसी महीने के 565.65 मिलियन डॉलर के मुकाबले 85.79 फीसदी अधिक है. इस साल सितंबर में चावल का निर्यात 694.35 मिलियन डॉलर रहा था.

इसलिए हुई चावल के निर्यात में वृद्धि

आपको बता दें कि 27 सितंबर को सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल पर 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क हटा दिया और चावल की तीन अन्य श्रेणियों पर निर्यात शुल्क आधा कर दिया. जिसके बाद देश के चावल निर्यात में अक्टूबर में खासा उछाल आया. चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-अक्टूबर के दौरान भारत का कुल चावल निर्यात 5.27% बढ़कर 6,171.35 मिलियन डॉलर हो गया है.

एक अधिकारी ने कहा कि चावल निर्यात में तेज उछाल सरकार द्वारा पिछले दो महीनों में चावल के निर्यात को आसान बनाने के लिए उठाए गए कई कदमों के बाद आया है. 28 सितंबर को केंद्र ने गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध हटा लिया था. पहले 490 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) लगाया गया था, जिसे सरकार ने आखिरकार 23 अक्टूबर को हटाया.

निर्यात शुल्क कम करने का फायदा हुआ

27 सितंबर को सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल पर 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क हटाया और चावल की 3 अन्य श्रेणियों पर निर्यात शुल्क आधा कर दिया. ‘भूसी वाले चावल (धान या खुरदरे)’, ‘भूरे (भूरे) चावल’ और ‘उबले चावल’ पर शुल्क 20 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया. हालांकि, 22 अक्टूबर को शुल्क को और घटाकर शून्य कर दिया गया.

अक्टूबर में उछाल के साथ, चालू वित्त वर्ष 2024-25 के पहले सात महीनों (अप्रैल-अक्टूबर) के दौरान कुल चावल निर्यात 5.27% बढ़कर 6,171.35 मिलियन डॉलर हो गया है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह 5,862.23 मिलियन डॉलर था. इस साल सितंबर के अंत तक, भारत का कुल चावल निर्यात (5,120.43 मिलियन डॉलर) पिछले वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान 5,296.58 मिलियन डॉलर की तुलना में 3.33 प्रतिशत कम था.

यह भी पढ़िए: चावल की औसत कीमत 43 रुपए किलो, लेकिन मोदी सरकार 25 रुपए किलो दिलवाएगी; इसी तरह आटा भी किया था सस्ता

– भारत एक्‍सप्रेस

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