भारत का माल और सेवाओं का निर्यात चालू वित्त वर्ष में 900 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है. यह पिछले साल 770 अरब डॉलर रहा था. फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन के महानिदेशक अजय सहाय के मुताबिक, मार्च 2024 को समाप्त होने वाले वर्ष में मर्चेंडाइज निर्यात 495 अरब डॉलर से 500 अरब डॉलर के बीच हो सकता है, जबकि सेवा निर्यात 400 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है. उन्होंने कहा कि कई बाजारों में विदेशी मांग मजबूत बनी हुई है.
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने यूक्रेन में युद्ध के संभावित प्रभाव और वैश्विक मंदी के मद्देनजर निर्यातकों से नए बाजारों का पता लगाने को कहा है. उन्होंने कहा कि आने वाला समय बहुत, बहुत कठिन होने वाला है.
पीएम मोदी की सरकार ने 2030 तक $ 2 ट्रिलियन का निर्यात लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसके अंतर्गत इलेक्ट्रॉनिक्स, इंजीनियरिंग, फार्मास्युटिकल और अन्य सामानों के निर्यात को बढ़ावा दिया जाना है. सॉफ्टवेयर, मोबाइल निर्यात और कृषि और पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात में वृद्धि के कारण पिछले दो वर्षों में भारत के निर्यात में $200 बिलियन से अधिक की वृद्धि हुई है.
हालांकि इंजीनियरिंग, रत्न और आभूषण के सामान का निर्यात पिछले कुछ महीनों में धीमा रहा है. निर्यातकों ने कहा कि कम कीमतों के कारण पश्चिमी बाजारों में कृषि, पेट्रोलियम और इलेक्ट्रॉनिक सामानों का निर्यात मजबूत रहा, जबकि एशियाई और मध्य पूर्व के देशों में निर्यात में काफी वृद्धि हुई है. पिछले हफ्ते रूस गए 50 सदस्यीय व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल में शामिल सहाय ने कहा कि यूक्रेन युद्ध को लेकर पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के बाद भारतीय सामानों, खासकर खाने की वहां भारी मांग थी.
-भारत एक्सप्रेस
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