सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन (PFC) को लेकर एक चौंकाने वाली खबर आई है. एक रिपोर्ट के अनुसार, PFC ने बीते दिनों शापुरजी पल्लोनजी समूह (SP Group) को करीब 20 हजार करोड़ रुपये के लोन को मंजूरी दी है. एसपी ग्रुप को दिए गए इस लोन को लेकर पीएफसी के इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स ने सवाल खड़े किए हैं.
दरअसल पीएफसी की उस समूह को ऋण देने की क्षमता के बारे में भी चिंता जताई गई है, जिसका रियल एस्टेट निर्माण और बुनियादी ढांचे से संबंध है. रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि आगामी 18 अगस्त को बोर्ड की एक बैठक होने वाली है, जिसमें इस मामले को उठाया जा सकता है.
सीएनबीसी टीवी18 की रिपोर्ट में, मामले में सीधे तौर पर जानने वाले सूत्रों के हवाले से लिखा गया है कि ये (PFC) सरकारी कंपनी बिजली उत्पादन करने वाली कंपनियों को लोन देती है. ऐसे में पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन, एसपी ग्रुप को लोन देकर फंस गई है. इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि इन मुद्दों पर बोर्ड की बैठक में चर्चा होगी.
मिंट की रिपोर्ट में मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, ‘20,000 करोड़ रुपये एक बड़ी रकम है, जबकि पीएफसी के पास पावर फाइनेंस में मजबूत कौशल है, रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी के लिए नए जोखिम हैं और ऐसे प्रस्तावों पर बारिकी से विचार करने की जरूरत है. पीएफसी विदेशी उधारदाताओं के ऋण को चुकाने के लिए लोन को कैसे मंजूरी दे सकता है?’
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1. ऊर्जा क्षेत्र में कर्ज देने वाली पीएफसी इंफ्रा बिजनेस को फाइनेंस नहीं करती है, फिर इस लोन को कैसे मंजूरी दी गई?
2. इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स ने सवाल उठाया कि लोन राशि का सिर्फ 1.75 गुना कोलैटरल के साथ कर्ज को मंजूरी क्यों दी गई?
3. इससे पहले, एसपी ग्रुप के लोन पर टाटा संस में उसके शेयरों को कोलैटरल (एक मूल्यवान संपत्ति जिसे कर्ज लेने वाले कर्ज की सिक्योरिटी के तौर पर गिरवी रखता है.) के रूप में विचार किया जा रहा था, जिसे मुंबई में एक भूमि पार्सल (Land Parcel) में बदल दिया गया है.
4. इसके अलावा इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स ने भी इस बात पर सवाल उठाए हैं कि इस लोन का उपयोग एसपी ग्रुपके विदेशी ऋणदाताओं को ऋण चुकाने के लिए किया जा रहा है.
5. ऋण की शर्तों में 4 वर्षों के लिए मूल राशि पर स्थगन शामिल है.
एसपी ग्रुप ने एक बयान में कहा, ‘पिछले 150 वर्षों में एसपी ग्रुप ने देश के निर्माण और बुनियादी ढांचे के विकास में योगदान देने पर गर्व किया है. एसपी ग्रुप द्वारा विदेशी ऋणदाताओं से जुटाई गई सुविधाओं ने बुनियादी ढांचे की परिसंपत्तियों के निर्माण में भी मदद की है. ऐसे ऋणों के नियमित पुनर्वित्तपोषण (Refinancing) को, उनकी मेच्योरिटी (Maturity) से काफी पहले ‘डिफॉल्ट से बचाव’ कहना पूरी तरह अनुचित और तथ्यात्मक रूप से गलत होगा.’
एसपी ग्रुप ने आगे कहा कि इसके अलावा आर्टिकल में उल्लिखित सौदे की विशिष्टताएं, चाहे वह सुरक्षा पैकेज हो या पुनर्भुगतान की शर्तें, गलत हैं और रिकॉर्ड पर मौजूद तथ्यों पर आधारित नहीं हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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