रिलायंस इंडस्ट्रीज ने वित्तीय चौथी तिमाही में मजबूत प्रदर्शन किया, जिसमें नेट प्रॉफिट एक साल पहले की तुलना में 6.4 प्रतिशत बढ़ा, क्योंकि इसकी डिजिटल और खुदरा इकाइयों में मजबूत वृद्धि ने इसके ऊर्जा व्यवसायों से कम आय की भरपाई की. शेयरधारकों को दिए जाने वाले कंपनी के नेट प्रॉफिट में वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही में 2.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 19,407 रुपये हो गया, जो स्ट्रीट की उम्मीदों से अधिक है. ब्रोकरेज अनुमानों के मनीकंट्रोल पोल के अनुसार, आरआईएल का चौथी तिमाही का शुद्ध लाभ 18,820 करोड़ रुपये आंका गया.
आरआईएल (RIL) ने शुक्रवार को कहा कि 31 मार्च को समाप्त तीन महीनों के लिए राजस्व एक साल पहले की तुलना में 8.8 प्रतिशत बढ़कर 2.88 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो कंपनी की डिजिटल सेवाओं, खुदरा और तेल-से-रसायन व्यवसाय द्वारा संचालित है. ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन (Amortization) से पहले समेकित आय 3.6 प्रतिशत बढ़कर रिकॉर्ड 48,737 करोड़ रुपये हो गई.
प्री-माइनॉरिटी नेट प्रॉफिट बढ़कर 22,611 करोड़ रुपये हो गया, जबकि टैक्स से पहले प्रॉफिट 5 प्रतिशत बढ़कर 29,103 करोड़ रुपये हो गया. तिमाही पूंजीगत व्यय बढ़कर 36,041 करोड़ रुपये हो गया, लेकिन लगभग 40,000 करोड़ रुपये की नकदी से पूरी तरह से कवर हो गया, जिससे शुद्ध ऋण मोटे तौर पर 1.17 लाख करोड़ रुपये पर स्थिर रहा.
डिजिटल सेवाओं से EBITDA में 18.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई, क्योंकि कंपनी का 5G ग्राहक आधार लगभग 191 मिलियन तक बढ़ गया और टैरिफ संशोधन के बाद प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व बढ़कर 206.2 रुपये हो गया. मजबूत स्टोर ऑपरेटिंग मेट्रिक्स और इसके हाइपर-लोकल डिलीवरी व्यवसाय में 2.4 गुना क्रमिक उछाल के कारण खुदरा EBITDA में 14.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई.
उन लाभों को आंशिक रूप से नरम कमोडिटी चक्रों द्वारा ऑफसेट किया गया था. O2C EBITDA एक साल पहले की तुलना में 10 प्रतिशत गिरकर 15,080 करोड़ रुपये पर आ गया, क्योंकि परिवहन-ईंधन की कमज़ोरियाँ कम हो गईं और पॉलिएस्टर मार्जिन में गिरावट आई. हालांकि रिफ़ाइनरी उपयोग और फ़ीडस्टॉक लचीलेपन में वृद्धि ने गिरावट की भरपाई कर दी.
केजी-डी6 के कम उत्पादन, कोल-बेड-मीथेन की कमज़ोर कीमत और एकमुश्त रखरखाव लागत के कारण तेल और गैस EBITDA 8.6 प्रतिशत गिरकर 5,123 करोड़ रुपये पर आ गया; सेगमेंट मार्जिन 720 आधार अंक गिरकर 79.5 प्रतिशत पर आ गया.
वित्त वर्ष 2025 के लिए, समेकित राजस्व 7.1 प्रतिशत बढ़कर 10.71 लाख करोड़ रुपये और EBITDA 2.9 प्रतिशत बढ़कर 1.83 लाख करोड़ रुपये हो गया. शुद्ध लाभ 2.9 प्रतिशत बढ़कर 81,309 करोड़ रुपये हो गया. तेल और गैस का EBITDA अब तक के उच्चतम स्तर 21,188 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जबकि खुदरा शाखा का EBITDA पहली बार 25,000 करोड़ रुपये को पार कर गया. जियो प्लेटफॉर्म्स का मुनाफा 22 प्रतिशत बढ़कर 25,000 करोड़ रुपये से ऊपर पहुंच गया.
-भारत एक्सप्रेस
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