प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिनों एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस नेता राहुल गांधी को पाकिस्तान के पूर्व मंत्री फवाद चौधरी की ओर से मिल रहे समर्थन पर कहा था कि ये जांच का विषय है.
इस पर भारत में तो तमाम सियासी हलकों से प्रतिक्रिया सामने आई है. लेकिन, अब पाकिस्तान की इमरान सरकार में मंत्री रहे फवाद चौधरी ने खुद भी इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी और उनकी जो कट्टरपंथी सोच है, उसकी शिकस्त बहुत जरूरी है. इसके साथ ही फवाद चौधरी ने राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल और ममता बनर्जी को लोकसभा चुनाव में जीत की शुभकामनाएं भी दी.
फवाद चौधरी ने कहा कि कश्मीर या हिंदुस्तान के बाकी मुसलमान हों, इस वक्त कट्टरपंथी विचारधारा का सामना कर रहे हैं, जिस प्रकार के बाकी अल्पसंख्यक जुल्म सह रहे हैं. यह बहुत जरूरी है नरेंद्र मोदी चुनाव में शिकस्त खाएं और पाकिस्तान में हर शख्स यही चाहता है कि वह शिकस्त जरूर खाएं. हिंदुस्तान और पाकिस्तान के ताल्लुकात तभी बेहतर हो सकते हैं, जब उग्रवाद कम होगा. पाकिस्तान में हिंदुस्तान को लेकर नफरत नहीं है. लेकिन, वहां पर आरएसएस और भाजपा का अलायंस है. वो पाकिस्तान को लेकर नफरत पैदा कर रहा है, मुसलमानों को लेकर नफरत पैदा कर रहा है और हमारा यह फर्ज है कि इस विचारधारा के लोगों को शिकस्त दें.
फवाद चौधरी ने आगे कहा कि मैं समझता हूं कि भारत के वोटर बेवकूफ नहीं हैं. इसमें इंडियन वोटर का फायदा है, पाकिस्तान से ताल्लुकात बेहतर हों और हिंदुस्तान एक प्रोग्रेसिव मुल्क के तौर पर आगे बढ़े. इसके लिए नरेंद्र मोदी और उनकी जो कट्टरपंथी सोच है, उसकी शिकस्त होना बहुत जरूरी है. जो भी उनको हराएगा चाहे वो राहुल हों, केजरीवाल हों या ममता बनर्जी हों उसके साथ हमारी शुभकामनाएं हैं.
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इससे पहले फवाद चौधरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर मंगलवार को आईएएनएस के पीएम मोदी के इंटरव्यू के वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, ”मुझे कोई शौक नहीं है राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल को समर्थन देने का, न ही मैं पाक सरकार का प्रतिनिधित्व करता हूं. मैं वास्तव में जेल में था और पाकिस्तान में फासीवादी शासन का विरोध करने के कारण राजनीति से प्रेरित मामलों का सामना कर रहा था. लेकिन, मैं चरमपंथियों के खिलाफ खड़े होने वाले किसी भी व्यक्ति का समर्थन करूंगा और पीएम मोदी नफरत और उग्रवाद का प्रतीक बन गए हैं, हिंदू महासभा के उदय के कारण भारत के मुसलमानों को नफरत का सामना करना पड़ रहा है.”
फवाद चौधरी ने आगे लिखा, ”पाक के संस्थापकों ने भारत में रहने वाले मुसलमानों के अधिकारों के लिए खड़े होने का वादा किया था. लेकिन, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पाकिस्तानी सरकार अपनी भूमिका नहीं निभा रही है. लेकिन, मैं किसी भी हालत में भारत में मुस्लिम अधिकारों के लिए बोलूंगा क्योंकि मुसलमानों के खिलाफ जो नफरत वहां फैली है, उसे हराना होगा. आरएसएस एवं भाजपा के नफरत और उग्रवाद के गठजोड़ को हराना होगा और जो कोई उन्हें हराएगा, वह दुनिया में सम्मान अर्जित करेगा.”
दरअसल, राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल को पाकिस्तान से समर्थन मिलने के सवाल पर पीएम मोदी ने कहा था कि यह लोकसभा चुनाव भारत का है और भारत का लोकतंत्र बहुत ही मैच्योर है, यहां तंदुरुस्त परंपराएं हैं और भारत के मतदाता भी बाहर की किसी भी हरकतों से प्रभावित होने वाले मतदाता नहीं हैं. मैं नहीं जानता हूं कि कुछ ही लोग हैं, जिनको हमारे साथ दुश्मनी रखने वाले लोग क्यों पसंद करते हैं, कुछ ही लोग हैं, जिनके समर्थन में आवाज वहां से क्यों उठती है. अब यह बहुत बड़ी जांच-पड़ताल का गंभीर विषय है.
-भारत एक्सप्रेस
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