गोरखपुर – उद्योग, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बढ़ रहा गोरखपुर अब स्पोर्ट्स की दिशा में भी कदम बढ़ाने जा रहा है. यहां के नौजवान न सिर्फ उद्यमी, शिक्षित और स्वस्थ्य होंगे, बल्कि अब वे खिलाड़ियों के रूप में भी दिखाई देंगे. मुख्यमंत्री योगी के गृह जनपद को वर्ल्ड क्लास स्पोर्ट्स सिटी’ की सौगात भी मिल सकती है. दो चरणों में बनने वाली इस स्पोर्ट्स सिटी के लिए करीब 300 से 400 एकड़ जमीन की जरूरत होगी. इनमें 100-150 एकड़ जमीन में स्पोर्टस सिटी होगी. बाकी जमीन में खास किस्म के बहुउद्देश्यीय स्टेडियम, इनडोर स्टेडियम, मीटिंग हाल और आवासीय और अन्य सुविधाओं का विकास किया जाएगा.शासन ने इसके लिए गोरखपुर के कमिश्नर को पत्र लिखकर पहले चरण के लिए 200 एकड़ भूमि उपलब्ध कराने को कहा है.
अलग-अलग खेलों के लिए भिन्न क्षमता के स्टेडियम बनाये जायेंगे. 50-50 हजार की क्षमता के बहुउद्देश्यीय क्रिकेट एवं फुटबॉल स्टेडियम, एथलेटिक्स स्टेडियम की क्षमता 30 हजार की होगी. शूटिंग और तीरंदाजी रेंज की क्षमता 500-500 की, कुश्ती और वॉलीबाल स्टेडियम की क्षमता 1000-1000 की होगी. इसी तरह खोखो स्टेडियम की क्षमता 2000 की होगी.
पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) पर बनने वाली इस प्रस्तावित स्पोर्ट्स सिटी में 5000 की क्षमता वाला बहुउद्देश्यीय स्टेडियम होगा. इसकी छत जरूरत के अनुसार खुल सकेगी. साथ ही कन्वेन्शन सेंटर, सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस स्पोर्ट्स क्लीनिक, फाइव स्टार, बजट होटल, मनोरंजन पार्क, मल्टीप्लेक्स, शॉपिंग मॉल, हेल्थ फिटनेश सेंटर, फुटबाल, क्रिकेट, कुश्ती, बैडमिंटन और अन्य लोकप्रिय खेलों के लिए एकेडमी, होटल मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट आदि बनाने का भी प्रस्ताव है. दूसरे चरण में चैम्पिशिपनशिप गोल्फकोर्स, गोल्फ एकेडमी, गोल्फ रेसिडेंशियल विला और अपार्टमेंट आदि के निर्माण का भी प्रस्ताव है.
कुल मिलाकर यह देश की पहली ऐसी एकीकृत स्पोर्ट्स सिटी होगी, जहां खेल और मनोरंजन से जुड़ी सभी सुविधाएं होंगी. यह एक ऐसा शहर होगा जिसमें न केवल राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के अधिकांश लोकप्रिय खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन हो सकेगा, बल्कि अन्य बुनियादी सुविधाओं के नाते स्पोर्ट्स टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा. इन सुविधाओं के विकास के लिए निवेशक भी आएंगे. इससे निवेश के साथ स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. बेहतर सुविधाएं मिलने से पूर्वाचल के खिलाड़ी देश-दुनिया में अपना नाम और रौशन कर सकेंगे.
सर्वविदित है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को खेलों से खासा लगाव है. समय-समय पर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का नाम रौशन करने वाले खिलाड़ियों से वह न केवल मिलते हैं, बल्कि उनको सम्मानित भी करते हैं. यही नहीं, ऐसे खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओ में जाने के पहले वह हौसला अफजाई भी करते हैं. अगस्त 2021 में खिलाड़ियों के सम्मान में ही यहां लखनऊ में उनके मार्गदर्शन में खेलकुंभ का भी आयोजन हुआ था. इसी में मुख्यमंत्री ने लखनऊ में खेल एकेडमी बनाने कुश्ती समेत दो खेलों को एडॉप्ट करने 10 साल तक इनके वित्त पोषण की भी घोषणा की थी.
प्रदेश की खेल प्रतिभाओं में दक्षता बढ़े, इसके लिए मेरठ में हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद के नाम से खेल विश्वविद्यालय भी बन रहा है. गांव-गांव में खेल मैदान ओपन जिम, गंगा के तटवर्ती गावों में गंगा मैदान बनाने के पीछे भी जमीनी स्तर पर खेलों को बढ़ावा देना है. सरकार इसी उद्देश्य से पांच साल के लिए नई खेल नीति लाने की भी तैयारी कर रही है. वर्ल्ड क्लास स्पोर्ट्स सिटी भी इसी की एक कड़ी है. इसका लंबे समय में प्रदेश के खेल जगत पर व्यापक और प्रभावी असर देखा जायेगा.
-आईएएनएस/ भारत एक्सप्रेस
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