Acharya Pramod Krishnam News: उत्तर प्रदेश में फिरोजाबाद जिले के सिरसागंज स्थित आर्य गुरुकुल में चल रहे आर्य महाकुंभ में रविवार को एक बड़ा कार्यक्रम हुआ. इस ज्ञानवर्धक कार्यक्रम में कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने महर्षि दयानंद सरस्वती के जीवन और योगदान पर विचारोत्तेजक भाषण दिया. साथ ही उन्होंने संबोधन में राष्ट्र और सनातन धर्म के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई. इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के पर्यटन मंत्री ठाकुर जयवीर सिंह भी उपस्थित थे.
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने विपक्षी नेताओं को निशाने पर लेते हुए कहा कि ‘कुछ लोग देश को जातियों में बांटकर विभाजन करना चाहते हैं. ये वो लोग हैं जिनको सारी दुनिया जानती है. ये लोग भारत से बाहर जाते हैं तो भारत को ही बदनाम करते हैं.’
उन्होंने कहा, “पहले देश जयचंदों के कारण गुलाम हुआ और अब भी कुछ जयचंदों के कारण देश एकजुट नहीं हो पा रहा है. हमारा संकल्प है कि हम इन जयचंदों को पहचानें और उनके मंसूबों को सार्वजनिक करें.”
‘एकता के साथ फूट डालने वालों का मुकाबला जरूरी’
सामाजिक चुनौतियों पर बात करते हुए आचार्य प्रमोद कृष्णम ने आमजन से विभाजनकारी ताकतों की पहचान करने का आग्रह किया और ऐसे लोगों को “जयचंद” कहा जो राष्ट्रीय एकता में बाधा डालते हैं. उन्होंने सनातन धर्म की रक्षा और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने के लिए दृढ़ प्रतिबद्धता व्यक्त की.
‘दयानंद सरस्वती की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक’
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने महर्षि दयानंद के असाधारण व्यक्तित्व और प्रभावशाली सुधारों की प्रशंसा की. उन्होंने दयानंद के जीवन की तुलना शिव के धीरज, राम की गरिमा और कृष्ण की बुद्धिमत्ता के मिश्रण से की. आचार्य प्रमोद कृष्णम ने अंधविश्वास को मिटाने और समाज को जागृत करने के लिए दयानंद के प्रयासों पर प्रकाश डाला और इस बात पर जोर दिया कि उनकी शिक्षाएं आधुनिक समय में भी महत्वपूर्ण हैं.
आचार्य ने श्रोताओं को पाखंड, अंधविश्वास और मिथ्या मान्यताओं के खिलाफ महर्षि दयानंद की लड़ाई की भी याद दिलाई. उन्होंने धार्मिक और सामाजिक सुधार के लिए उनके दृष्टिकोण की प्रशंसा की, जिसने भारत को एक प्रगतिशील मार्ग दिखाया.
इस अवसर पर उपस्थित पर्यटन मंत्री ठाकुर जयवीर सिंह ने दयानंद सरस्वती की विरासत पर केंद्रित इस कार्यक्रम की सराहना की.
इस कार्यक्रम ने दयानंद सरस्वती की शिक्षाओं की स्थायी प्रासंगिकता की याद दिलाई और उपस्थित लोगों को उनके दृष्टिकोण को बनाए रखने के लिए प्रेरित किया. इस कार्यक्रम में आर्य समाज के अनुयायियों और अन्य लोगों की एक बड़ी भीड़ शामिल हुई.
— भारत एक्सप्रेस
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