साल 2024 भारत के लिए बड़ी उपलब्धियों का साल रहा. इसमें कई चीजें पहली बार हुईं, जो दुनिया में भारत के बढ़ते असर को दिखाती हैं. इन उपलब्धियों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की झलक दिखाई देती है, जो प्रगति की एक नई कहानी को उजागर करती है.
भारत ने पहली बार नेशनल क्रिएटर्स अवॉर्ड (एनसीए) लॉन्च किया, जो दुनिया का पहला ऐसा सम्मान है जो डिजिटल कंटेंट क्रिएटर्स को उनकी महत्वपूर्ण उपलब्धियों के लिए दिया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत मंडपम में इस पुरस्कार का शुभारंभ किया. इस पहल के जरिए सरकार ने डिजिटल प्लेटफॉर्म और तकनीक के महत्व को रेखांकित किया है, जिसने क्रिएटर्स के लिए एक सशक्त इकोसिस्टम तैयार किया है.
संयुक्त राष्ट्र का पहला डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर सम्मेलन: संयुक्त राष्ट्र का पहला अंतरराष्ट्रीय डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर सम्मेलन भारत की अगुवाई में अप्रैल में आयोजित हुआ. इसका उद्देश्य सतत विकास लक्ष्यों (SDG) को बढ़ावा देना और समावेशिता को प्रोत्साहित करना था. सम्मेलन में भारत के ‘सिटीजन स्टैक’ पहल को प्रमुखता से प्रस्तुत किया गया, जो ‘इंडिया स्टैक’ से प्रेरित है.
46वीं यूनेस्को विश्व धरोहर समिति: इस साल भारत ने पहली बार 46वीं विश्व धरोहर समिति की बैठक की मेजबानी की. यह बैठक जुलाई में नई दिल्ली के भारत मंडपम में हुई. इस दौरान असम के मोईडम, अहोम वंश की टीला-दफन प्रणाली, को भारत की 42वीं धरोहर के रूप में सूचीबद्ध किया गया. पिछले दशक में भारत के 13 स्थलों को विश्व धरोहर में शामिल किया गया है.
अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान का पहला अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन: अक्टूबर में, भारत ने अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA) का पहला अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ‘अरोहा-2024’ नई दिल्ली में आयोजित किया. इस आयोजन ने आयुर्वेद को एक मान्य और प्रभावी चिकित्सा प्रणाली के रूप में वैश्विक पहचान दिलाने में मदद की.
आईसीए ग्लोबल कोऑपरेटिव कॉन्फ्रेंस 2024: भारत ने नवंबर में पहली बार अंतरराष्ट्रीय कोऑपरेटिव एलायंस (ICA) के 130 साल के इतिहास में ग्लोबल कोऑपरेटिव कॉन्फ्रेंस और महासभा की मेजबानी की. यह आयोजन प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हुआ और भारत की वैश्विक सहकारी आंदोलन में बढ़ती भूमिका और समावेशी विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
पहला एशियाई बौद्ध शिखर सम्मेलन: नवंबर में भारत ने पहला एशियाई बौद्ध शिखर सम्मेलन आयोजित किया. इसमें 32 देशों और 160 से अधिक अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों ने भाग लिया.
पहला एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट: जनवरी में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अपना पहला एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट (XPoSat) लॉन्च किया. यह मिशन ब्लैक होल और अंतरिक्ष की चरम घटनाओं के रहस्यों को उजागर करने में मदद करेगा. इस लॉन्च के साथ, भारत अमेरिका के बाद दूसरा ऐसा देश बन गया, जिसके पास ब्लैक होल की जांच के लिए समर्पित वेधशाला है.
पहला निजी क्षेत्र का सैन्य विमान कारखाना: अक्टूबर में प्रधानमंत्री ने टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन किया, जो C-295 विमान का निर्माण करेगा. यह भारत का पहला निजी क्षेत्र का सैन्य विमान कारखाना है और ‘आत्मनिर्भर भारत’ को सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम है.
‘अंतरिक्ष अभ्यास’ – पहली सैन्य अंतरिक्ष अभ्यास: भारत ने नवंबर में अपनी पहली सैन्य अंतरिक्ष अभ्यास ‘अंतरिक्ष अभ्यास 2024’ आयोजित की. इसे डिफेंस स्पेस एजेंसी ने आयोजित किया, ताकि अंतरिक्ष युद्ध के लिए रणनीतिक तैयारी की जा सके. यह अभ्यास अंतरिक्ष सुरक्षा के लिए त्रि-सेवा एकीकरण को मजबूत करने का महत्वपूर्ण कदम है.
पहली लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल: नवंबर में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने पहली लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया. यह मिसाइल पारंपरिक और परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है और ध्वनि की गति से पांच गुना तेज गति से उड़ती है.
पहला राष्ट्रीय राजमार्ग स्टील स्लैग रोड: जनवरी में भारत का पहला राष्ट्रीय राजमार्ग स्टील स्लैग रोड NH-66 पर मुंबई से गोवा को जोड़ने वाला मार्ग उद्घाटन किया गया. निर्माण में करीब 80,000 टन CONARC स्टील स्लैग का उपयोग हुआ, जिसे JSW स्टील के डोळवी संयंत्र, रायगढ़ में प्रोसेस किया गया. इस पहल से औद्योगिक कचरे में कमी आई और सड़कों की मजबूती, स्थायित्व और टिकाऊपन बढ़ा.
जम्मू-कश्मीर की पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन: फरवरी में मोदी ने जम्मू-कश्मीर की पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन को हरी झंडी दिखाई. यह उपलब्धि क्षेत्र में कनेक्टिविटी सुधारने और टिकाऊ परिवहन को बढ़ावा देने का प्रतीक है. यह परियोजना वर्षों से लंबित थी और क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देती है.
रेलवे का पहला फ्लोटिंग सोलर प्लांट: जून में पश्चिमी घाट के इगतपुरी झील पर रेलवे ने 10 मेगावाट क्षमता का फ्लोटिंग सोलर प्लांट स्थापित किया. यह परियोजना सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देती है और “ग्रीन अर्थ” के लक्ष्य को साकार करने में योगदान करती है.
दिल्ली मेट्रो की पहली ‘मेक इन इंडिया’ ड्राइवरलेस ट्रेन: सितंबर में दिल्ली मेट्रो को उसकी पहली ड्राइवरलेस ट्रेन सेट मिली. यह ट्रेन आधुनिक तकनीक और सुरक्षा प्रणालियों से लैस है. यह ‘मेक इन इंडिया’ पहल का हिस्सा है और संचालन को अधिक कुशल और सुरक्षित बनाएगी.
पहली वंदे मेट्रो (नमो भारत रैपिड रेल): सितंबर में अहमदाबाद से भुज के बीच पहली वंदे मेट्रो, जिसे नमो भारत रैपिड रेल भी कहा जाता है, शुरू की गई. यह आधुनिक, टिकाऊ और सुलभ शहरी परिवहन का उदाहरण है.
पहला स्वदेशी बहुउद्देश्यीय जहाज ‘समर्थक’: अक्टूबर में भारतीय नौसेना ने ‘समर्थक’ नामक बहुउद्देश्यीय जहाज लॉन्च किया. यह ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ की दिशा में बड़ी प्रगति को दर्शाता है.
पहला वर्टिकल लिफ्ट रेल सी ब्रिज: नवंबर में तमिलनाडु के रामेश्वरम में नया पंबन पुल तैयार हुआ. यह भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे पुल है. यह 105 साल पुराने पुल की जगह लेगा और पर्यटन व तीर्थाटन को बढ़ावा देगा.
पहली आधुनिक और आत्मनिर्भर गौशाला: नवंबर में ग्वालियर में 100 टन प्रतिदिन क्षमता वाले गोबर आधारित बायोगैस प्लांट का उद्घाटन हुआ. यह भारत की ‘वेस्ट टू वेल्थ’ पहल का हिस्सा है और स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन में मील का पत्थर है.
पहला स्नो लेपर्ड सर्वेक्षण: जनवरी में पहली बार स्नो लेपर्ड का सर्वेक्षण हुआ. इसमें 718 स्नो लेपर्ड की जंगली आबादी का अनुमान लगाया गया. यह अनुसंधान इन दुर्लभ प्रजातियों की सुरक्षा में अहम कदम है.
3 गांवों में पहली बार बिजली पहुंची: जनवरी में जम्मू-कश्मीर के केरन सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास दो गांवों को पहली बार बिजली मिली. नवंबर में छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के छुतवाही गांव में भी पहली बार बिजली पहुंचाई गई.
विदेशी मुद्रा भंडार 700 अरब डॉलर के पार: सितंबर में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार पहली बार 700 अरब डॉलर के पार पहुंचा. यह उपलब्धि भारत को दुनिया का चौथा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार रखने वाला देश बनाती है.
डिजिटल लेनदेन में ऐतिहासिक रिकॉर्ड: अक्टूबर में यूपीआई ने एक महीने में 16.58 अरब वित्तीय लेनदेन कर ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की. यह भारत के डिजिटल परिवर्तन का प्रमाण है.
जम्मू-कश्मीर में पहली बार संविधान दिवस: 26 नवंबर को जम्मू-कश्मीर में पहली बार संविधान दिवस मनाया गया. यह लोकतांत्रिक मूल्यों और समावेशिता को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम है.
पहला स्वदेशी एंटीबायोटिक: भारत ने अपना पहला स्वदेशी एंटीबायोटिक ‘नैफिथ्रोमाइसिन’ लॉन्च किया है, जो चिकित्सा विज्ञान में एक बड़ी उपलब्धि और स्वास्थ्य क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. यह एंटीबायोटिक प्रतिरोधी संक्रमणों के लिए उपयोगी है और एजिथ्रोमाइसिन की तुलना में 10 गुना अधिक प्रभावी है. साथ ही, यह केवल तीन दिनों के उपयोग में समान परिणाम प्रदान करता है. शोध और नवाचार को प्रोत्साहन देने पर प्रधानमंत्री मोदी के फोकस ने इस तरह की अभूतपूर्व उपलब्धियों का मार्ग प्रशस्त किया है.
-भारत एक्सप्रेस
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