Agusta westland Scam: अगस्ता वेस्टलैंड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल की जमानत याचिका पर सुनवाई की. याचिका में उसके जेल से तत्काल रिहाई की मांग की गई थी. सीजेआई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि आप इस मामले में जनहित याचिका दायर नहीं कर सकते. बता दें कि आरोपी ने मिशेल ने जीने के अधिकार और स्वतंत्रता के अधिकार को लेकर सर्वोच्च अदालत का रुख किया था.
याचिका में मिशेल ने कहा कि मैं इस मामले में करीब 5 साल और 3 महीने जेल में बिता चुका हूं. जबकि इस मामले में दोषी पाए जाने पर अधिकतम सजा 5 साल है. मामले की जांच अभी चल रही है. इस मामले में अभी तक ट्रायल शुरू नहीं हुआ है. ऐसे में यह मेरे जीवन जीने के अधिकार का उल्लंघन भी है. मामले में सुप्रीम कोर्ट अगली सुनवाई सोमवार को करेगा.
बता दें कि आरोपी मिशेल ने ऐसी ही याचिका पिछले महीने भी दायर की थी. उस दौरान भी कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी. मामले की जांच सीबीआई और ईडी मिलकर कर रही हैं. बता दें कि अगस्त वेस्टलैंड घोटाला 3600 करोड़ रुपए का है. यह घोटाला 12 वीवीआईपी हेलिकाॅप्टर की खरीद से जुड़ा है. मामले में सीजेआई चंद्रचूड़, जेबी पारदीवाला और पी एस नरसिम्हा वाली पीठ ने कहा कि मिशेल को इस आधार पर बरी नहीं किया जा सकता उसने सजा का आधा हिस्सा काट लिया है.
पिछली सुनवाई के वक्त कोर्ट ने कहा था कि मिशेल जमानत के लिए निचली अदालत का रुख कर सकता है. मिशेल ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 436ए के तहत कोई भी व्यक्ति जिसने अपराध के लिए अधिकतम सजा काट ली हो उसे जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता है. मिशेल के अधिवक्ता अल्जो के जोसेफ ने कहा कि 2018 में दुबई से प्रत्यर्पण के बाद मिशेल ने चार साल से अधिक का समय जेल में बिता दिया है. जबकि इस मामले में अधिकतम सजा 7 साल है.
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