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Akasa Air के विमान को बम की धमकी मिली, बेंगलुरु जा रहा विमान दिल्ली लौटा, 184 लोग थे सवार

भारतीय विमानों को बम से उड़ाने की धमकियां बुधवार को भी जारी रहीं, जिसमें अकासा एयर (Akasa Air) की दिल्ली-बेंगलुरु उड़ान (Delhi-Bengaluru Flight) भी शामिल हो गई है. बुधवार को बम की धमकी के बाद आपातकाल घोषित करने के बाद 184 लोगों को लेकर दिल्ली-बेंगलुरु फ्लाइट राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर वापस लौट आया.

विमान दोपहर 12:16 बजे दिल्ली से बेंगलुरु के लिए रवाना हुआ और उड़ान के एक घंटे से भी कम समय में सामान्य आपातकाल (Emergency) घोषित कर दिया गया, जैसा कि फ्लाइट ट्रैकिंग डेटा से पता चलता है. इसके बाद बोइंग 737 विमान को वापस दिल्ली की ओर मोड़ दिया गया और दोपहर करीब 2 बजे यह आईजीआई एयरपोर्ट पर लैंड कर गया.

11 विमानों को मिली धमकी

पिछले तीन दिनों में किसी भारतीय एयरलाइन की यह 11वीं उड़ान है, जिसे बम की धमकी मिली है. सोमवार को तीन अंतरराष्ट्रीय उड़ानों – एयर इंडिया की एक और इंडिगो की दो – को बम की धमकी मिली थी, जबकि मंगलवार को सभी प्रमुख एयरलाइनों की सात अन्य उड़ानों को बम की धमकी मिली थी. सोमवार और मंगलवार को सभी धमकियां सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिये आईं और आखिरकार फर्जी निकलीं.

इससे पहले अकासा एयर के प्रवक्ता ने कहा था, ‘अकासा एयर की उड़ान संख्या QP 1335 में 174 यात्री, 3 नवजात और 7 चालक दल के सदस्य सवार थे, को सुरक्षा अलर्ट प्राप्त हुआ.’ एयरलाइन की आपातकालीन प्रतिक्रिया टीमें स्थिति की निगरानी कर रही हैं और उन्होंने पायलट को ‘पर्याप्त एहतियात’ के साथ उड़ान को दिल्ली की ओर मोड़ने की सलाह दी है.

दिल्ली एयरपोर्ट पर स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार सुरक्षा एजेंसियों द्वारा विमान, यात्रियों और उनके बैग की जांच की जाएगी. जांच और सुरक्षा जांच के बाद अगर धमकी झूठी पाई जाती है, तो विमान को उड़ान की मंजूरी दी जाएगी.

सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन

हालांकि ज्यादातर बम की धमकियां फर्जी निकली हैं, लेकिन एयरलाइंस और साथ ही दुनिया भर में विमानन प्राधिकरण उन्हें बहुत गंभीरता से लेते हैं. जब भी किसी विमान को बम की धमकी मिलती है, तो एक विस्तृत सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन किया जाता है, जिसमें विमान को किसी उपयुक्त हवाई अड्डे पर ले जाना और उसे एक अलग बे (क्षेत्र) में ले जाना शामिल है, जहां यात्रियों को जल्दी से विमान से उतारा जाता है.

विमान और यात्रियों के बैग की फिर से उड़ान भरने से पहले पूरी तरह से सुरक्षा जांच की जाती है. सुरक्षा जांच में अक्सर कुछ घंटे लग जाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप कुछ मामलों में देरी और यहां तक कि उड़ान के शेष भाग को फिर से शेड्यूल करना जैसी बाधाएं होती हैं, जिससे एयरलाइंस को आर्थिक रूप से नुकसान होता है.

-भारत एक्सप्रेस

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