Amarnath Yatra: जम्मू कश्मीर राज्य में हिमालय की पहाडि़यों से होते हुए अमरनाथ की यात्रा शांतिपूर्ण ढंग से आगे बढ़ रही है. पिछले 36 दिनों में 4.90 लाख से ज्यादा तीर्थयात्री अमरनाथ यात्रा कर चुके हैं. श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड की ओर से यह जानकारी दी गई.
श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) के अधिकारियों ने बताया कि रविवार को 1,112 तीर्थयात्रियों का एक नया जत्था जम्मू से कश्मीर के लिए रवाना हुआ. वो जत्था दो सुरक्षा काफिलों में सुबह 3:25 बजे भगवती नगर यात्री निवास से घाटी के लिए रवाना हुआ.
अधिकारियों ने बताया, “इनमें से 11 वाहनों का पहला काफिला 204 यात्रियों को लेकर उत्तर कश्मीर के बालटाल आधार शिविर के लिए रवाना हुआ, जबकि 39 वाहनों का दूसरा काफिला 908 यात्रियों को लेकर दक्षिण कश्मीर के नुनवान (पहलगाम) आधार शिविर के लिए रवाना हुआ.”
गांदरबल जिले के काव चेरवान गांव में सुबह बादल फट गया. इस कारण श्रीनगर से बालटाल आधार शिविर जाने वाला मार्ग बंद हो गया. अधिकारियों ने बताया कि मलबा हटाने का काम जारी है. जब तक यात्रियों का काफिला गांदरबल जिले में पहुंचेगा, तब तक बालटाल आधार शिविर और आगे लद्दाख क्षेत्र तक राजमार्ग बहाल कर दिया जाएगा.
पुलिस और सीएपीएफ समेत बड़ी संख्या में सुरक्षा बल जम्मू से लेकर दोनों आधार शिविरों तक 350 किलोमीटर से अधिक लंबे मार्ग पर तीर्थयात्रियों के लिए सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित करने के लिए चौबीसों घंटे ड्यूटी कर रहे हैं. इसके अलावा यात्रियों की सुरक्षा के लिए पारगमन शिविरों, आधार शिविरों और गुफा मंदिर में पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं.
गुफा मंदिर में बर्फ की एक संरचना है जो चंद्रमा के चरणों के साथ घटती-बढ़ती रहती है। भक्तों का मानना है कि यह बर्फ की संरचना भगवान शिव की पौराणिक शक्तियों का प्रतीक है. यह गुफा कश्मीर हिमालय में समुद्र तल से 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। भक्त या तो पारंपरिक दक्षिण कश्मीर पहलगाम मार्ग से या फिर उत्तर कश्मीर बालटाल मार्ग से गुफा मंदिर तक पहुंचते हैं.
पारंपरिक पहलगाम गुफा मंदिर मार्ग 48 किलोमीटर लंबा है. जिससे बाबा बर्फानी तक पहुंचने में 4 से 5 दिन लग जाते हैं. दूसरा मार्ग बालटाल का है। ये 14 किलोमीटर लंबा है. इस मार्ग का चयन करने वाले लोग ‘दर्शन’ करने के बाद उसी दिन आधार शिविर लौट आते हैं. उत्तरी कश्मीर मार्ग पर बालटाल और दक्षिण कश्मीर मार्ग पर चंदनवाड़ी में तीर्थयात्रियों के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं भी उपलब्ध हैं.
अमरनाथ यात्रा 29 जून 2024 को शुरू हुई थी. यह 52 दिनों के बाद 19 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा और रक्षाबंधन के त्यौहार के साथ समाप्त होगी.
यह भी पढ़िए: श्रावण पूर्णिमा पर संपन्न होगी अमरनाथ यात्रा, जानिए अब तक कितने लाख श्रद्धालुओं ने किए बाबा बर्फानी के दर्शन
इस मामले में उत्तरी दिल्ली और गाजियाबाद के जिलाधिकारियों तथा केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु…
ED ने इस मामले में मुख्य आरोपी दिवंगत जय किशन राणा की पत्नी मिथिलेश सिंह…
महाकुम्भ 2025 के दौरान सभी प्रमुख घाटों और पार्किंग में नाव के किराए की लिस्ट…
Year Ender 2024: साल 2024 में भारतीय राजनीति में कई महत्वपूर्ण घटनाएं हुईं, जिनमें लोकसभा…
Video: दिल्ली विधानसभा चुनाव अगले कुछ महीने में होने वाले हैं. इससे पहले भारत एक्सप्रेस…
बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाने वाली फिल्मों की लिस्ट में हनु मान, शैतान, महाराज, स्त्री…