उद्धव ठाकरे को लेकर जगतगुरु स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज की ओर से दिए गए बयान पर संत समाज तीखी प्रतिक्रिया दे रहा है. इसी कड़ी में स्वामी जितेंद्रानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि उद्धव ठाकरे की सरकार के दौरान पालघर में संतों की हत्या कर दी गई, लेकिन उसपर एक बार भी अविमुक्तेश्वरानंद नहीं बोले, लेकिन अब राजनीतिक बयानबाजी उनके द्वारा की जा रही है. जो ये दर्शाता है कि ये व्यक्ति सिर्फ प्रसिद्धि और प्रचार के लिए ऐसा कर रहा है.
स्वामी जितेंद्रानन्द सरस्वती जी महाराज ने आगे कहा कि ” अविमुक्तेश्वरानंद की ओर से केदारनाथ धाम से सोना गायब होने के लगाए जा रहे आरोप पूरी तरह से निराधार हैं, लेकिन स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद से ये जरूर जानना चाहेंगे कि राम मंदिर जन्मभूमि पर फैसला आने के बाद रामालय न्यास के नाम पर जो एक-एक ग्राम सोना इक्ट्ठा हुआ था, वो कहां गया. इसके बारे में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जरूर बताएं.”
वहीं दूसरी ओर जूना अखाड़ा के महंत शैलेशानंद गिरी जी ने भी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज के द्वारा दिए गए राजनीतिक बयान पर टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि एक उच्चतम पद पर बैठे एक साधु-संत को राजनीतिक बयानों से बचना चाहिए. संतों की हत्याएं हुईं, लेकिन एक भी शब्द नहीं बोला गया, लेकिन राजनीतिक बयानबाजी कर पद की गरिमा के विपरीत कार्य किया जा रहा है. इससे बचना चाहिए.
प्रयागराज के श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा की पीठाधीश्वर महंत हरिसिद्धि गिरि ने अविमुक्तेश्वरानंद महाराज के बयान पर पलटवार किया. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के पालघर में संतों की निर्मम हत्या कर दी गई और तत्कालीन उद्धव ठाकरे की सरकार मौन रही, सरकार ने दोषियों के खिलाफ ऐसा कोई भी जरूरी कदम नहीं उठाया, जिससे संत समाज को न्याय मिला हो, इसलिए उद्धव ठाकरे के साथ जो भी हुआ, उसमें किसी तरह का कोई विश्वासघात नहीं हुआ, बल्कि उन्हें उनके पापों का फल मिला है.”
बता दें कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने अनंत-राधिका की शादी में शामिल होने के लिए मुंबई पहुंचे थे, जहां पर उन्होंने महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने कहा था कि उद्धव ठाकरे के साथ विश्वासघात हुआ है. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने आगे कहा था कि “मेरा दर्द क तक कम नहीं होगा, जब तक उद्धव ठाकरे दोबारा सीएम नहीं बन जाते हैं.”
यह भी पढ़ें- केदारनाथ मंदिर पर क्यों भड़के शंकराचार्य, दिल्ली में कौन बनवाने लगा Kedarnath जैसा मंदिर
गौरतलब है कि बुराड़ी के हिरनकी में 3 एकड़ जमीन पर केदारनाथ मंदिर की तर्ज पर श्रीकेदार ट्रस्ट बुरारी की ओर से मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है. मंदिर निर्माण को लेकर ट्रस्ट का तर्क है कि केदारनाथ मंदिर के कपाट छह महीने बंद रहते हैं. इसलिए यहां प्रतीकात्मक केदारनाथ मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है. मंदिर निर्माण को लेकर तीन एकड़ जमीन को अधिकृत किया गया है.
-भारत एक्सप्रेस
सफेद बाल उम्र बढ़ने का प्रतीक माने जाते हैं, लेकिन जब 20 या 30 की…
आपने शायद कभी सोचा न हो, लेकिन सर्दी-जुकाम के दौरान नाक साफ करना एक आम…
दिसंबर की शुरुआत के साथ ही पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों में मध्यम से भारी बारिश और…
फिल्म इंडस्ट्री में कई ऐसे स्टार्स हैं, जिनकी लव स्टोरी काफी पॉपुलर है. इन्ही में…
जर्मनी के मैगडेबर्ग शहर में शुक्रवार, 20 दिसंबर को एक दर्दनाक घटना हुई, जब एक…
सफला एकादशी पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है. मान्यता है…