Anti-Sikh Riots of 1984 cases: वर्ष 1984 में हुए सिख विरोधी दंगे से जुड़े पुल बंगश मामले में पीड़ितों की ओर से आरोप तय करने को लेकर अदालत में पक्ष रख दिया गया। पीड़ितों ने आरोपी कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के उस दलील को खारिज कर दिया कि घटना के दिन वे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के साथ थे। टाइटलर की ओर से अपना पक्ष 6 मई को रखा जाएगा। इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) अपना पक्ष रख चुका है।
सीबीआई ने अदालत से कहा था कि उसके पास ऐसे प्रत्यक्षदर्शी गवाह हैं, जिन्होंने 1984 के दंगों के दौरान जगदीश टाइटलर को भीड़ को उकसाते हुए देखा था। इस तरह से आरोपी टाइटलर के खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सबूत है। सीबीआई के वकील ने अपनी दलीलों के दौरान सुरेंद्र सिंह सहित चार चश्मदीदों के बयानों का हवाला दिया था। उसने कहा था कि उक्त गवाहों ने तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद टाइटलर को भीड़ को उकसाते हुए देखा था।
यह मामला 1 नवंबर, 1984 को पुल बंगश गुरु द्वारा के सामने तीन सिख ठाकुर सिंह, बादल सिंह और गुरु चरण सिंह की कथित हत्या से संबंधित है। सीबीआई ने मई 2023 में उनके खिलाफ पूरक आरोप पत्र दाखिल किया था। पूरक आरोप पत्र पर संज्ञान लेने के बाद अदालत ने समन जारी किया था। उसके बाद टाइटलर गत वर्ष 5 अगस्त को अदालत में पेश हुए थे। इसके बाद वह वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए।
इससे पहले सेशन कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद 4 अगस्त को अग्रिम जमानत दे दी थी। सीबीआई ने 20 मई को पूरक आरोपपत्र दाखिल किया था। 31 अक्टूबर, 1984 को भारत के तत्कालीन प्रधान मंत्री की हत्या के बाद 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों से संबंधित मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो ने 20 मई को कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया।
— भारत एक्सप्रेस
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