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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आडवाणी को घर जाकर किया भारत रत्न से सम्मानित, पढ़ें- शिक्षक से उप-प्रधानमंत्री तक का सफर

Bharat Ratna Lal Krishna Advani: आज (रविवार, 31 मार्च) भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी को सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्रदान किया गया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लाल कृष्ण आडवाणी के घर जाकर उन्हें सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया. इस विशेष अवसर प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मौजूद रहे.

लालकृष्ण आडवाणी के खराब स्वास्थ्य की वजह से उन्हें सर्वोच्च नागरिक सम्मान (भारत रत्न) उनके घर पर दिया गया. बता दें कि पीएम मोदी ने बीते 3 फरवरी 2024 को एल.के. आडवाणी को भारत रत्न देने की घोषणा की थी. लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और बीजेपी के संस्थापक सदस्य नाना जी देशमुख के बाद तीसरे बड़े नेता और आरएसएस के स्वयंसेवक हैं.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 30 मार्च को राष्ट्रपति भवन में चार व्यक्तियों को मरणोपरांत सर्वोच्च नागरिक सम्मान (भारत रत्न) से सम्मानित किया था. जिसमें देश के पूर्व प्रधानमंत्री, चौधरी चरण सिंह, पूर्व पीएम पी.वी. नरसिम्हा राव, कृषि वैज्ञानिक डॉ. एमएस स्वामीनाथन और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर का नाम शामिल है.

14 साल की उम्र में बने RSS के स्वयंसेवक

लालकृष्ण आडवाणी का जन्म 8 नवंबर 1927 को कराची में हुआ था. कराची शहर अब पाकिस्तान का हिस्सा है. कराजी के सेंट पैट्रिक हाई स्कूल और सिंध स्थित हैदराबाद के डीजी नेशनल स्कूल में पढ़ाई की. साल 1942 में 14 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े. कराची में साल 1944 में कराची के माडल हाई स्कूल में बतौर शिक्षक नौकरी की. इसके बाद 1947 में भारत के विभाजन के बाद दिल्ली आ गए. राजस्थान में 1947 से 1951 तक संघ के प्रचारक के रूप में काम किया.

मोरारजी देसाई की सरकार में बने सूचना और प्रसारण मंत्री

साल 1965 में 25 फरवरी को लाल कृष्ण आडवाणी का विवाह कमला आडवाणी के साथ हुआ. इसके बाद 1967-70 तक दिल्ली महानगर परिषद के अध्यक्ष रहे. वर्ष 1970 में दिल्ली से राज्यसभा के सदस्य बने और 1972 में जनसंघ के अध्यक्ष नियुक्त किए गए. मोरारजी देसाई की सरकार में पहली बार साल 1977 में लाल कृष्ण आडवाणी को सूचना और प्रसारण मंत्री बनाया गया. इसके बाद 6 अप्रैल 1980 को भारतीय जनता पार्टी का गठन किया.

पद्म विभूषण

लाल कृष्ण आडवाणी, 1986 में बीजेपी अध्यक्ष बने और इसी वर्ष पहली बार लोकसभा सदस्य भी चुने गए. राम-मंदिर आंदोलन में भी लालकृष्ण आडवाणी का अहम योगदान है. उन्होंने 1990 में राम मंदिर आंदोलन के लिए रथ यात्रा की अगुवाई की. इसके बाद बीजेपी की सरकार में 1998-2004 तक केंद्रीय गृह मंत्री भी रहे. फिर 2002 से 2004 तक अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में उप-प्रधानमंत्री भी रहे. लाल कृष्ण आडवाणी को साल 2015 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया.

यह भी पढें: ‘कांग्रेस का काम भारत को कमजोर करना…’ पीएम मोदी बोले- कच्चाथीवू द्वीप पर आई रिपोर्ट आंखें खोलने वाली

Dipesh Thakur

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