Bihar Politics: चुनावी रणनीतिकार के तौर पर कई राजनीतिक दलों के साथ काम कर चुके प्रशांत किशोर पिछले कई महीनों से पद यात्रा के जरिए बिहार के गांवों में पहुंच रहे हैं और अपनी सियासी जमीन तैयार कर रहे हैं. इस यात्रा के दौरान प्रशांत किशोर लोगों से बात कर रहे हैं और उनकी समस्याओं को सुनने के बाद उसे दूर करने का आश्वासन देते नजर आए हैं. उन्होंने अब तक चुनाव लड़ने को लेकर कोई घोषणा नहीं की है लेकिन उनकी यात्रा की सियासी हलकों में चर्चा बहुत हो रही है.
प्रशांत पिछले साल दो अक्टूबर से जनसुराज पदयात्रा के जरिए बिहार के गांव-गांव पहुंच रहे हैं. इस दौरान कई मौकों पर उनके निशाने पर पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा रही है. जबकि उन्होंने बिहार के सीएम नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के साथ-साथ राजद के कार्यकाल को लेकर भी निशाना साधा है.
पश्चिम चंपारण से शुरू हुई पदयात्रा सारण होते हुए वैशाली जिले पहुंची है. प्रशांत अभी तक इस पदयात्रा में 2600 किलोमीटर से अधिक की यात्रा कर चुके हैं. प्रशांत किशोर इस यात्रा के जरिए लोगों को उनके वोटों की कीमत बता रहे हैं तो अब तक सत्ता में रही सरकारों की कमियों को गिनाकर भविष्य का सपना भी दिखा रहे हैं. प्रशांत किशोर कभी भी खुलकर चुनाव लड़ने की बात तो नहीं करते हैं लेकिन किसी के समर्थन मांगने पर समर्थन देने से इनकार भी नहीं करते.
हालांकि, प्रशांत किशोर ने इस बात के संकेत जरूर दिए हैं कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में वे शामिल नहीं होंगे, लेकिन उनके समर्थित प्रत्याशी कुछ सीटों पर नजर आ सकते हैं. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि उनका समर्थन किसे रहता है और बिहार की सियासत में उनका पहला सीधा प्रभाव कैसा रहता है. माना जा रहा है कि प्रशांत किशोर आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपनी जमीन तैयार कर रहे हैं.
यहां बता दें कि बिहार विधान परिषद की 5 सीटों पर हुए चुनाव में से एक सीट पर प्रशांत किशोर समर्थित उम्मीदवार अफाक अहमद ने जीत दर्ज की थी. पीके के जनसुराज अभियान की यह पहली राजनीतिक सफलता थी. इस सफलता से प्रशांत किशोर बेहद उत्साहित नजर आ रहे हैं. वहीं इस जीत से जनसुराज अभियान में जुड़े लोग भी जहां उत्साहित हैं.
प्रशांत किशोर द्वारा शुरू किया गया जन सुराज अभियान मंगलवार को अपना पहला संकल्प दिवस मना रहा है. आज ही के दिन 2 मई 2022 को प्रशांत किशोर ने ट्वीट के माध्यम से जन सुराज अभियान के शुरूआत करने की घोषणा की थी.
जन सुराज से जुड़े पूर्व आईपीएस राकेश कुमार मिश्रा ने कहा कि मौजूदा विचारधारा से अलग सब को साथ लेकर जनता का सुंदर राज बनाने का संकल्प ही जनसुराज है. उन्होंने कहा कि जनसुराज का मतलब है कि 100 प्रतिशत जनसंख्या को साथ लेकर चलने के लिए जनता का सुंदर राज बनाने का संकल्प और साथ ही प्रजातांत्रिक मूल्यों की पुन: स्थापना की जाए. देखना दिलचस्प होगा कि चुनावी रणनीतिकार से लेकर एक राजनेता बनने की तरफ अग्रसर प्रशांत किशोर आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति में कितना प्रभाव डालते हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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