Jammu Kashmir Assembly Elections: भाजपा ने आज जम्मू-कश्मीर में 90 विधानसभा सीटों के लिए तीन चरणों में होने वाले चुनाव के लिए 44 उम्मीदवारों की सूची जारी की, लेकिन कुछ ही देर बाद इसे हटा दिया. इसके कुछ घंटों बाद भाजपा ने नई सूची जारी की, लेकिन इसमें चुनाव के पहले चरण के लिए चुने गए केवल 15 उम्मीदवारों के नाम हैं. पहले चरण के लिए चुने गए उम्मीदवारों में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
इसके साथ ही भाजपा ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि इससे पहले सोमवार सुबह जारी किए गए उम्मीदवारों की लिस्ट में दूसरे और तीसरे चरण के चुनाव वाली सीटों पर जिन प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की गई थी, उसे अमान्य माना जाए. जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा अपने उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट भी जल्द ही जारी कर सकती है.
भाजपा ने पाम्पोर से इंजीनियर सैयद शौकत गयूर अंद्राबी, राजपोरा से अर्शीद भट्ट, शोपियां से जावेद अहमद कादरी, अनंतनाग पश्चिम से मोहम्मद रफीक वानी, अनंतनाग से अधिवक्ता सैयद वजाहत, श्रीगुफवाड़ा बिजबेहरा से सोफी यूसुफ, शानगुस अनंतनाग पूर्व से वीर सराफ, इंदरवल से तारिक कीन, किश्तवाड़ से शगुन परिहार, पाडेर-नागसेनी से सुनील शर्मा, भदरवाह से दलीप सिंह परिहार, डोडा से गजय सिंह राणा, डोडा पश्चिम से शक्ति राज परिहार, रामबाण से राकेश ठाकुर और बनिहाल से सलीम भट्ट को चुनावी मैदान में उतारा है.
पता चला है कि पहली सूची जारी होने के बाद कुछ प्रमुख चूकों के कारण नाराजगी भड़क उठी थी. ऐसा लगता है कि इसी विरोध के कारण पार्टी को तीन चरणों की सूची वापस लेने और केवल पहले चरण के उम्मीदवारों के नाम फिर से जारी करने पर मजबूर होना पड़ा.
भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में रविवार को हुई भाजपा के केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में इन उम्मीदवारों के नाम पर मुहर लगाई गई थी.
जम्मू कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा का चुनाव होना है. राज्य में पहले चरण के मतदान के तहत 18 सितंबर को 24 सीटों पर मतदान होना है. वहीं दूसरे चरण के तहत 25 सितंबर को 26 सीटों पर और तीसरे चरण के तहत एक अक्टूबर को 40 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है. मतगणना 4 अक्टूबर को होगी. 2019 में तत्कालीन राज्य द्वारा अपना विशेष दर्जा खोने और दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित होने के बाद जम्मू कश्मीर में यह पहला विधानसभा चुनाव है.
जम्मू कश्मीर में अकेले विधानसभा का चुनाव लड़ रही भाजपा इस बार राज्य की सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ने की बजाय मजबूत सीटों पर ही ज्यादा ध्यान देगी. भाजपा ने एक रणनीति के तहत यह तय किया है कि पार्टी राज्य में 70 के लगभग विधानसभा सीटों पर लड़ेगी और 20 के लगभग विधानसभा क्षेत्रों जिनमें ज्यादातर कश्मीर घाटी की सीटें होंगी, उस पर अच्छे और लोकप्रिय निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन करेगी.
यह भी बताया जा रहा है कि चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कश्मीर में 2 से 3 और जम्मू में 8-10 चुनावी रैलियां कर सकते हैं. हालांकि रैलियों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम पर अभी अंतिम मुहर लगना बाकी है.
जम्मू-कश्मीर में पिछला विधानसभा चुनाव 2014 में हुआ था. 2014 के चुनाव में भाजपा ने 25 सीटें जीतकर शानदार प्रदर्शन किया था और पीडीपी 28 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. मौजूदा नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 15 सीटें जीती थीं और कांग्रेस ने 12 सीटें जीती थीं. चुनाव के बाद भाजपा और पीडीपी ने एक आश्चर्यजनक गठबंधन सरकार बनाई थी.
इस बार जम्मू-कश्मीर में भाजपा, पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन के बीच त्रिपक्षीय मुकाबला होने वाला है. हालांकि, कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर मतभेद अभी भी सुलझ नहीं पाए हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस और स्थानीय कांग्रेस नेतृत्व के बीच बातचीत में आ रहीं बाधाओं को दूर करने के लिए कांग्रेस के शीर्ष नेता केसी वेणुगोपाल और सलमान खुर्शीद श्रीनगर में हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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