WFI Controversy: कुश्ती संघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृज भूषण सिंह पर खिलाड़ियों ने गंभीर आरोप लगाया है. बृज भूषण सिंह पर तानाशाही रवैये समेत यौन शोषण तक के आरोप लगे हैं. दिल्ली के जंतर-मंतर पर भारत के कई दिग्गज पहलवान रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के खिलाफ प्रदर्शन भी कर रहे हैं. भारतीय पहलवान विनेश फोगाट ने आरोप लगाया था कि बृजभूषण शरण सिंह ने उन्हें मानसिक प्रताड़ना दी थी.
रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के कैसरगंज से बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह, जो 1990 में राजनीति में आने के बाद से हमेशा विवादों में घिरे रहे हैं. खास बात ये है कि बृजभूषण शरण सिंह का रसूख इतना है कि उनपर खतरे को देखते हुए केंद्र ने उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा भी दी हुई है. बृजभूषण शरण सिंह अपने बिगड़े बोल और विवादों की वजह से हमेशा सुर्खियों में रहते हैं. पिछले साल डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष ने एक पहलवान को सवाल पूछने पर मंच पर ही थप्पड़ मार दिया था, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था.
सांसद बृजभूषण शरण सिंह के चुनावी हलफनामे के अनुसार, वो अभी भी चार लंबित मामलों का सामना कर रहे हैं. जिनमें लोक सेवक को स्वैच्छिक नुकसान पहुंचाने, डकैती, हत्या के प्रयास और चुनाव के संबंध में अवैध भुगतान सहित गंभीर आरोप हैं. जिनमें तीन मामले इलाहाबाद की अदालत में और एक लखनऊ की अदालत में लंबित हैं. रिकॉर्ड के अनुसार, चार लंबित मामलों में से दो मामलों में उनके खिलाफ आरोप तय किए गए थे और एक मामले में हत्या के प्रयास और आर्म्स एक्ट के आरोप शामिल हैं. हालांकि, डब्ल्यूएफआई प्रमुख के रूप में यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे बृजभूषण शरण सिंह को 30 से अधिक आपराधिक मामलों में बरी कर दिया गया है, जिनमें से कुछ तो उनकी राजनीतिक यात्रा शुरू होने से पहले ही पंजीकृत हो गए थे.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबित, 65 वर्षीय बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ अयोध्या, नवाबगंज, फैजाबाद और दिल्ली में कुल 38 आपराधिक मामले दर्ज थे. हिस्ट्रीशीट के अनुसार, अयोध्या में कुल 17, फैजाबाद में 12, नवाबगंज में 8 और दिल्ली में एक मामला दर्ज किया गया था. आईपीसी की कई धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए थे, जिसमें हत्या, हत्या का प्रयास और यूपी गैंगस्टर्स एक्ट, आर्म्स एक्ट सहित अन्य शामिल थे.
बृजभूषण शरण सिंह पर 1993 तक यूपी गैंगस्टर एक्ट के तहत चार बार मामला दर्ज किया गया था. 1993 में समाजवादी पार्टी की सरकार में पूर्व मंत्री विनोद कुमार सिंह उर्फ पंडित सिंह पर हमले से जुड़े 29 साल पुराने मामले में गोंडा जिले की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 20 दिसंबर 2022 को उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया था.
उत्तर प्रदेश में गोंडा, कैसरगंज और बलरामपुर निर्वाचन क्षेत्रों से छह बार के सांसद पर एक बार आतंकवादी और विघटनकारी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (टाडा) के तहत भी आरोप लगाया गया था. उन्हें भाजपा के वरिष्ठ नेता एल.के. आडवाणी के साथ भी गिरफ्तार किया गया था. उन्हें 6 दिसंबर, 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह और अन्य के साथ भी गिरफ्तार किया गया था. बृजभूषण शरण सिंह को इस मामले में अदालत ने 2020 में बरी कर दिया था.
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साल 2012 में डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के चुनाव में भी विवाद हुए थे. बृजभूषण ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा को फिर से चुनाव में हराया था.
-भारत एक्सप्रेस
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