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माया की मुस्लिम गोलबंदी! गूड्डू जमाली और इमरान मसूद के बाद अतीक की पत्नी…सपा के वोटबैंक में सेंध लगाने का क्या है BSP का मास्टर प्लान?

UP Nikay Chunav: उत्तर प्रदेश में एक तरफ जहां सपा और बीजेपी में ओबीसी वोट की जंग छिड़ी हुई है, वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती मुस्लिम वोट को एकजुट करने में जुट गई हैं. क्योंकि अभी हाल ही में मायावती ने सपा से आए इमरान मसूद को बसपा में शामिल कराया था. वहीं, बाहुबली अतीक अहमद का परिवार अब ओवैसी की पार्टी का साथ छोड़कर बसपा में शामिल होने जा रहा है.

जानकारी के मुताबिक, आज प्रयागराज के सरदार पटेल सेवा संस्थान में एक बड़ा कार्यक्रम होने वाला है. जिसमें अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन न सिर्फ बसपा का दामन थामेंगी, बल्कि बीएसपी उन्हें प्रयागराज से मेयर का उम्मीदवार भी घोषित कर सकती है.

निकाय चुनाव की तैयारी पर होगी चर्चा- निडर

बसपा नेता अमरनाथ निडर ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि ये कार्यक्रम (कार्यकर्ता सम्मेलन) होते रहते हैं. उन्होंने कहा कि ये 15 जनवरी की तैयारी है. दरअसल बसपा 15 जनवरी को मायावती का जन्मदिन मनाती हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में निकाय चुनाव (UP Nikay Chunav) को लेकर भी चर्चा की जाएगी.

इसी गठजोड़ के दम पर 4 बार CM बनीं मायावती

जानकार इसे दलित-मुस्लिम गठजोड़ के रूप में देख रहे हैं. क्योंकि यूपी में जहां दलितों की अबादी 21 फीसदी के करीब है तो वहीं मुस्लिमों की आबादी 19 प्रतिशत है. जिसे अगर मिला दिया जाए तो 40 फीसदी हो जाती है. यही गठजोड़ कभी बसपा की बड़ी ताकत होता था, जिसके दम पर मायावती चार बार यूपी की मुख्यमंत्री बनीं, लेकिन अब बसपा का ये वोटबैंक बंट चुका है. मुस्लिम वोट जहां सपा के पास चला गया है, वहीं दलितों का एक बड़ा धड़ा भाजपा को वोट करने लगा है.

फिर एकजुट करने की कोशिश में हैं मायावती

अब मायावती की कोशिश फिर से अपने इस वोट को एकजुट करने की है. क्योंकि अगर अतीक की पत्नी बसपा में जाती हैं तो ये मायावती का तीसरा बड़ा दांव होगा. क्योंकि इससे पहले मायावती आजमगढ़ में गूड्डू जमाली उर्फ शाह आलम को पार्टी में शामिल करा चुकी हैं. वहीं, इमरान मसूद की पत्नी साइमा मसूद को सहारनपुर से मेयर का उम्मीदवार बना चुकी हैं.

मुस्लिमों को संदेश देने की कोशिश में मायावती

बसपा प्रमुख मायावती लगातार मुस्लिमों को संदेश देने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन बड़ा सवाल ये है कि क्या मुस्लिम समाज सपा को छोड़कर बसपा के पास आएगा. मुस्लिम वोट पर सिर्फ और सिर्फ बसपा का नजर नहीं है, भाजपा भी पसमांदा मुस्लिमों पर नजरें गढ़ाए बैठी है. रामपुर में मिली जीत के बाद भाजपा के हौसले और बुलंद हो गए है.

ये भी पढ़ें: UP Nikay Chunav: OBC आरक्षण मामले में SC के फैसले का मंत्री एके शर्मा ने किया स्वागत, बोले- सरकार को बदनाम करने की विरोधियों की साजिश हुई नाकाम

मतलब एकदम साफ है 19 फीसदी मुस्लिम वोट के लिए सपा से लेकर बसपा और बीजेपी सब रेस में हैं. लेकिन मुस्लिम किसके साथ जाएगा, ये आने वाले निकाय चुनाव में साफ हो जाएगा.
-भारत एक्सप्रेस

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