Health Ministry: अब भारत में विदेशियों के अंग प्रत्यारोपण की केंद्र सरकार जांच कराएगी. इसको लेकर राज्यों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं. इस सम्बंध में स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अंगदान के 48 घंटे के अदर अंग दाता और मरीज दोनों की पहचान का प्रमाण पत्र (आईडी) देना अनिवार्य होगा. स्वास्थ्य विभाग की ओर से ये भी कहा गया है कि थोटा अधिनियम 1994 के तहत जिम्मेदार एजेंसियों के जरिये उन सभी अस्पतालों में विदेशियों के प्रत्यारोपण की जांच कराई जाए, जिन्होंने भारत आकर अंगदान किया है या फिर प्रत्यारोपण कराया है.
स्वास्थ्य महानिदेशालय ने कहा कि अंग प्रत्यारोपण के 48 घंटे के अंदर अंग देने वाले और अंग लेने वाले दोनों की आईडी केंद्रीय एजेंसी के साथ शेयर करनी होगी. अभी तक यह प्रक्रिया मृत दाता से प्राप्त अंगों के मामले में चल रही है, लेकिन अब इसे जीवित अंगदाता के मामले में भी अनिवार्य कर दिया गया है. इस तरह से भारत आकर अंग प्रत्यारोपण कराने वाले सभी विदेशी मरीजों की जांच होगी.
इसको लेकर स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. अतुल गोयल ने मीडिया को बताया कि सभी राज्यों को अंग प्रत्यारोपण के मामले में जांच शुरू करनी चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि अगले 15 दिन के भीतर इसकी पूरी रिपोर्ट महानिदेशालय को भेजने का आदेश दिया गया है. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट किया जाएगा कि राज्यों ने अंग प्रत्यारोपण में लापरवाही या किसी भी तरह की धोखाधड़ी को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?
स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. अतुल गोयल ने अपने बयान में बताया कि आदेश में साफ तौर पर कहा है कि प्रत्येक राज्य को अपने अस्पतालों में होने वाले अंग प्रत्यारोपण की जानकारी हर माह दिल्ली भेजनी होगी, ताकि सरकार प्रत्येक प्रत्यारोपण की समीक्षा कर सके. इसी के साथ ही उन्होंने प्रत्यारोपण करने वाले अस्पतालों की नियमित निगरानी के लिए एक प्रणाली विकसित करने का आदेश भी दिया है, जिसके जानकारी महानिदेशालय को भी देना जरूरी होगा.
बता दें कि साल 2016 में भी एक किडनी रैकेट का खुलासा हुआ था, जिसमें नेपाल और भूटान से भारत आकर अपने अंग दान करने की घटना सामने आई थी. तो वहीं कुछ महीने पहले ही म्यांमार और दिल्ली के एक अस्पताल के बीच भी लिंक को जोड़कर गम्भीर आरोप लगाए गए थे. इसके अलावा अंग प्रत्यारोपण का एक ताजा मामला हरियाणा और राजस्थान से भी सामने आया है. यहां एक गिरोह का खुलासा हुआ है, जिसके लिंक हरियाणा और राजस्थान के अलावा झारखंड और बांग्लादेश से जुड़े पाए गए हैं. इस मामले में पुलिस जांच कर रही है. इन्हीं आरोपों के बाद केंद्र सरकार ने अब ये बड़ा फैसला किया है.
-भारत एक्सप्रेस
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