दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर कोचिंग सेंटर हादसा मामले में गिरफ्तार बेसमेंट के सह मालिकों ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. सह मालिकों ने राऊज एवेन्यू कोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की है. याचिका में निचली अदालत द्वारा जमानत याचिका खारिज करने के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी है.
23 अगस्त को निचली अदालत ने चारों को जमानत देने से इनकार कर दिया था. निचली अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि जांच अभी शुरुआती दौर में है. इसलिए अभी जमानत देना सही नही होगा. सीबीआई ने चारों आरोपियों परविंदर सिंह, तजिंदर सिंह, हरविंदर सिंह और सरबजीत सिंह की ओर से दायर जमानत याचिका का विरोध किया था.
सीबीआई ने कहा था कि बेसमेंट ही अवैध तरीके से बनी हुई थी. सीबीआई ने यह भी कहा था कि जब लीज़ डीड बनाई गई तो उसके लिए उचित इजाज़त भी नहीं ली गई थी. इसकी लीज़ डीड में भी यह साफ था कि बिल्डिंग कॉमर्शियल एक्टिविटीज और कोचिंग के लिए इस्तेमाल नहीं होगी, जबकि बेसमेंट के बाहर पोस्टर लगाया गया था जिस पर लिखा हुआ था स्टोर और परीक्षा हॉल है.
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वही सह मालिकों की ओर से पेश वकील ने कहा था कि तीनों छात्रों की मौत एक दैवीय घटना थी, नगर निगम ने अगर अपने कर्तव्यों का पालन किया होता तो इसे टाला जा सकता था. अधिवक्ता ने दलील दी थी कि बेसमेंट में पहले पुस्तकालय नहीं था, बल्कि छात्रों के लिए कक्षाएं शुरू होने से पहले वाला एक प्रतीक्षा क्षेत्र था.
उन्होंने दावा किया था कि घटना से कुछ दिन पहले परिसर में अग्निशमन विभाग द्वारा निरीक्षण किया गया था, जिसमें बताया गया था कि बेसमेंट का उपयोग भंडारण कक्ष के तौर पर किया जा रहा था और भवन सुरक्षित था तथा शैक्षणिक केंद्र चलाने के लिए उपयुक्त था. वकील ने यह भी कहा था कि गैर इरादतन हत्या की धारा लगाने के लिए, मामले के बारे में पता होने के साथ-साथ अपराध करने का इरादा भी होना चाहिए.
बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले को सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया था. इससे पहले तीस हजारी कोर्ट ने सभी चारों अभियुक्तों तेजिंदर सिंह, परविंदर सिंह, हरविंदर सिंह और सरबजीत सिंह की जमानत याचिका को वापस लेने की अनुमति दे दी थी, जिसके बाद सभी चारों ने राऊज एवेन्यू कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल किया था. इससे पहले तीस हजारी कोर्ट के मजिस्ट्रेट कोर्ट ने सभी सह मालिकों को जमानत देने से इंकार कर दिया था.
-भारत एक्सप्रेस
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