JNU Latest Controversy: कोलंबिया यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर गायत्री चक्रवर्ती स्पिवक का जेएनयू में दिया गया व्याख्यान अब विवाद का रूप ले लिया है. गायत्री ने हाल ही में दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में व्याख्यान दिया था. इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उनकी एक श्रोता से तीखी नोकझोंक देखी जा सकती है.
वायरल वीडियो में प्रो. चक्रवर्ती एक व्यक्ति को एक खास शब्द बोलना सिखा रही हैं और इस दौरान दोनों में बहस हो रही है. जिस व्यक्ति के साथ उनकी बहस हो रही है, उनका नाम अंशुल कुमार है. वह खुद को सेंटर फॉर ब्राह्मण स्टडीज के संस्थापक प्रोफेसर और चेरयमैन बता रहे हैं.
प्रोफेसर अंशुल कुमार ने ही वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया है. जब कुमार व्याख्यान के बाद एक प्रश्न पूछने की कोशिश कर रहे थे, प्रोफेसर गायत्री ने उन्हें एक प्रमुख अश्वेत नागरिक अधिकार कार्यकर्ता WEB Du Bois के उच्चारण को सही करने के लिए कई बार टोका.
वे कहती हैं, ‘Du Bois (उच्चारण Do Boys). क्या आप कृपया उसका नाम लेना खीखेंगे? अगर आप उस व्यक्ति के बारे में बात करने जा रहे हैं, जो शायद पिछली शताब्दी का सर्वश्रेष्ठ इतिहासकार समाजशास्त्री है और यह एक विशिष्ट विश्वविद्यालय (JNU) माना जाता है, तो कृपया उनके नाम का उच्चारण कैसे करें यह सीखने की जहमत उठाएं.’
गायत्री आगे कहती हैं, ‘वह एक अंग्रेज हैं, फ्रांसीसी नहीं.’
इस पर कुमार ने जवाब दिया, ‘अगर आप छोटी-मोटी बातें कर चुके हैं…’, जिस पर प्रोफेसर ने उन्हें एक बुजुर्ग महिला के प्रति असभ्य व्यवहार करने के लिए डांटा. मॉडरेटर ने हस्तक्षेप करते हुए कुमार से अपने प्रश्न ‘छोटे और स्पष्ट’ रखने का आग्रह किया.
जब कुमार ने अपना प्रश्न फिर से शुरू किया और Du Bois का गलत उच्चारण किया, तो प्रोफेसर ने उन्हें फिर से सही किया. उन्होंने गुस्से में प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिस पर प्रोफेसर ने उनके प्रश्न को नजरअंदाज कर दिया और मॉडरेटर अन्य दर्शकों के पास चला गया.
इसके बाद अंशुल कुमार इस मामले को सोशल मीडिया पर ले गए. अंशुल कुमार के पोस्ट ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है. कुछ लोगों ने प्रोफेसर गायत्री के व्यवहार की आलोचना की, इसे अहंकारी और अनावश्यक रूप से अपमानजनक बताया है. कुछ अन्य लोगों ने प्रोफेसर के का बचाव किया है. सोशल मीडिया यूजर ने तर्क दिया कि अंशुल कुमार को सुधार करना चाहिए था और प्रोफेसर का उचित उच्चारण पर जोर देना सही था.
82 वर्षीय गायत्री चक्रवर्ती स्पिवक एक प्रभावशाली विद्वान हैं. एक साहित्यिक सिद्धांतकार और नारीवादी आलोचक के रूप में उनका काम पितृसत्तात्मक संरचनाओं को चुनौती देता है, विशेष रूप से औपनिवेशिक और उत्तर-औपनिवेशिक संदर्भों में महिलाओं के अनुभवों की पड़ताल करता है. वह वर्तमान में कोलंबिया विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं और इसके इंस्टिट्यूट ऑफ कॉम्परेटिव लिटरेचर एंड सोसाइटी की संस्थापक सदस्य हैं. उनके कुछ सबसे प्रसिद्ध कार्यों में ‘कैन द सबाल्टर्न स्पीक?’ और ‘इन अदर वर्ल्ड्स: एसेज़ इन कल्चरल पॉलिटिक्स’ जैसी किताबें शामिल हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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