देश

यासीन मलिक की जमानत याचिका पर कोर्ट ने तिहाड़ जेल प्रशासन से मांगी रिपोर्ट, जेल में भूख हड़ताल पर है अलगाववादी नेता

आतंकवादियों को धन मुहैया कराने के आरोप में आजीवन करावास की सजा काट रहे कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक की ओर से दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने तिहाड़ जेल प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है. यासीन मलिक ने एम्स या किसी सुपर स्पेशियलिटी में तत्काल उपचार कराने की मांग की है. मलिक अपनी मांग को लेकर 1 नवंबर से तिहाड़ जेल में भूख हड़ताल पर है.

रिपोर्ट पेश करने निर्देश

न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेंदीरत्ता ने संबंधित जेल अधीक्षक से मलिक की चिकित्सा स्थिति रिपोर्ट सोमवार तक पेश करने का निर्देश दिया है. इस बीच अदालत ने जेल अधीक्षक को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि मलिक को जेल नियमों के अनुसार आवश्यक चिकित्सा उपचार प्रदान किया जाए. मलिक ने दावा किया है कि वह हृदय और गुर्दे की गंभीर बीमारियों सहित अन्य बीमारियों से पीड़ित है और इसलिए वह चाहता है कि उसका इलाज एम्स या राष्ट्रीय राजधानी या श्रीनगर, कश्मीर के किसी अन्य सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में हो.

भूख हड़ताल पर है मलिक

मलिक के वकील ने कहा कि 1 नवंबर से भूख हड़ताल पर होने के कारण मलिक की स्वास्थ्य स्थिति इस हद तक खराब हो गई है कि वह वर्तमान में अपने पैरों पर खड़ा होने में भी असमर्थ है. यह एक बहुत ही आकस्मिक स्थिति है. वह अपने पैरों पर चलने की स्थिति में नहीं है. उसे स्ट्रेचर पर ले जाया जाता है. जीवन और मृत्यु के बीच बहुत कम अंतर है.

उन्होंने कहा अगली सुनवाई की तारीख पर संबंधित जेल अधीक्षक से याचिकाकर्ता की मेडिकल स्थिति रिपोर्ट मंगवाई जाए. मलिक ने अधिकारियों को यह निर्देश देने की भी मांग की है कि जब भी उनकी उपस्थिति की आवश्यकता हो उन्हें दिल्ली की अदालतों में पेश किया जाए. उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय के उस आदेश को भी चुनौती दी है, जिसमें उन्हें 11 दिसंबर, 2023 से एक साल के लिए तिहाड़ जेल और दिल्ली के क्षेत्र में रहने से रोक दिया गया है.

मलिक को मई 2022 में ट्रायल कोर्ट ने आतंकी फंडिंग मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. उन्होंने मामले में दोषी होने की दलील दी थी और अपने खिलाफ आरोपों का विरोध नहीं किया था. इससे पहले एनआईए की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि यासीन मलिक ने फांसी की सजा से बचने के लिए बड़ी चालाकी से अपना अपराध कबूल कर लिया और अदालत ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुना दी जबकि उसके खिलाफ इस तरह का अपराध है जिसके तहत फांसी की सजा होती है. इस तरह से कोई आतंकवादी वारदात कर गुनाह कबूल कर लेगा और फांसी की सजा से बच जाएगा.

यह भी पढ़ें- Supreme Court ने AMU का अल्पसंख्यक दर्जा बरकरार रखा, 7 जजों की संविधान पीठ ने सुनाया फैसला

बता दें कि 25 मई 2022 को पटियाला हाउस कोर्ट ने हत्या और टेरर फंडिंग के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने यासीन मलिक पर यूपीए की धारा 17 के तहत आजीवन कारावास और 10 लाख रुपये का जुर्माना जुर्माना लगाया था. 10 मई 2022 को यासीन मलिक ने अपना गुनाह कबूल कर लिया था.

-भारत एक्सप्रेस

गोपाल कृष्ण

Recent Posts

आपराधिक मानहानि के मामले में दिल्ली की CM Atishi को राहत, सेशन कोर्ट ने आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाया

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने बीजेपी (BJP) नेता प्रवीण शंकर कपूर द्वारा उनके खिलाफ दायर…

9 minutes ago

मृत घोषित होने के बाद हो रहा था अंतिम संस्कार, चिता पर अचानक उठ बैठा युवक, फिर क्या हुआ जानें

राजस्थान के झुंझुनू जिले का मामला. इस घटना को राजस्थान सरकार ने गंभीर लापरवाही का…

38 minutes ago

पंजाब में आम आदमी पार्टी की कमान अब कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा के हाथ, बनाए गए नए प्रदेश अध्यक्ष

अमन अरोड़ा पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं. शुक्रवार को संसदीय मामलों की समिति की…

1 hour ago

आखिर क्या है Joint Therapy, जो Amir Khan को अपनी बेटी Ira संग लेने की पड़ रही जरूरत?

Aamir Khan Taking Joint Therapy With Daughter Ira: आमिर खान ने खुलासा किया कि वे…

1 hour ago

America: स्टूडेंट के साथ बार-बार सेक्स करने के मामले में Ex-Teacher को 30 साल की सजा

अमेरिका के मैरिलैंड राज्य का मामला. मामले की जांच करने वाले अधिकारियों ने बताया कि…

2 hours ago

दिल्ली में वायु प्रदूषण को लेकर ग्रेप 4 लागू होगा या नहीं, सुप्रीम कोर्ट इस दिन सुनाएगा फैसला

Delhi Air Pollution: दिल्ली वायु प्रदूषण मामले में सुप्रीम कोर्ट 25 नवंबर को सुनवाई करेगा.…

2 hours ago