महाराष्ट्र में कांग्रेस के लिए मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री और कांग्रेस नेता शिवराज पाटिल की बहू अर्चना पाटिल चाकुरकर शनिवार को भाजपा में शामिल हो गईं.
इस दौरान महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अन्य पार्टी नेता मौजूद थे. इससे पहले शुक्रवार को अर्चना ने फडणवीस से उनके आधिकारिक आवास पर मुलाकात की थी.
अर्चना पाटिल उदगीर में लाइफकेयर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर की चेयरपर्सन हैं और उनके पति शैलेश पाटिल चंदुरकर कांग्रेस के राज्य सचिव हैं. उनके ससुर कांग्रेस नेता शिवराज पाटिल 2004 से 2008 के बीच संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार में केंद्रीय गृह मंत्री थे.
मुंबई में शनिवार को एक औपचारिक कार्यक्रम में भाजपा में शामिल होने के बाद अर्चना पाटिल ने संवाददाताओं से कहा, ‘मैं राजनीतिक क्षेत्र में काम करने के लिए भाजपा में शामिल हुई हूं. मैं पीएम मोदी द्वारा लाए गए नारी शक्ति वंदन अधिनियम से बहुत प्रभावित हूं. यह महिलाओं को समान अवसर देता है.’
उन्होंने कहा, ‘मैंने लातूर में जमीनी स्तर पर काम किया है और मैं भाजपा के साथ भी जमीनी स्तर पर काम करूंगी. मैं कभी भी आधिकारिक तौर पर कांग्रेस में नहीं थी. मैं भाजपा में शामिल हुई, क्योंकि इसकी विचारधारा का मुझ पर बहुत प्रभाव है.’
इस दौरान फडणवीस ने कहा कि अर्चना पाटिल चाकुरकर के शामिल होने से महाराष्ट्र लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा मजबूत होगी. उन्होंने कहा, ‘यह हमारे लिए खुशी की बात है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, लोकसभा अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री रहे शिवराज पाटिल के परिवार से कोई हमारी पार्टी में शामिल हो रहा है. यह पार्टी के लिए बहुत बड़ी बात है.’
इससे पहले फरवरी में प्रदेश कांग्रेस के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व विधायक बसवराज पाटिल बीजेपी में शामिल हुए थे.
इधर, कर्नाटक में एमएलसी पद से इस्तीफा देने के 30 दिन बाद भाजपा की तेजस्विनी गौड़ा शनिवार को कांग्रेस में शामिल हो गईं. इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि भगवा पार्टी संवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास नहीं करती है.
तेजस्विनी 2004 और 2009 के बीच कांग्रेस सांसद थी और 2014 में भाजपा में वह शामिल में शामिल हो गई थीं. उन्होंने दोबारा कांग्रेस में आने को ‘घर वापसी’ कहा.
नई दिल्ली स्थित मुख्यालय में पार्टी महासचिव जयराम रमेश और मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा की मौजूदगी में उन्हें कांग्रेस में शामिल किया गया.
पूर्व पत्रकार तेजस्विनी गौड़ा ने भी विश्वास जताया कि कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव में कर्नाटक की 28 में से 23 सीटें जीतेगी.
2014 में भाजपा में शामिल होने के बाद तेजस्विनी 2018 में विधायक चुनी गई थीं. वह भगवा पार्टी की प्रवक्ता भी रह चुकी हैं. एमएलसी के रूप में उनका कार्यकाल जून 2024 में समाप्त होना था. वह कनकपुरा क्षेत्र से 14वीं लोकसभा (2004-2009) की सदस्य थीं. उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में जद (एस) के पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा को हराकर यह सीट जीती थी.
– भारत एक्सप्रेस
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